दीक्षा के बाद नेहल बनी साध्वी नम्रदर्शिता
कोयंबटूरPublished: Feb 27, 2020 11:02:14 am
दीक्षा के बाद नेहल बनी साध्वी नम्रदर्शिता
दीक्षा के बाद नेहल बनी साध्वी नम्रदर्शिता
कोयम्बत्तूर. कोयम्बत्तूर निवासी नेहल रांका का दीक्षा समारोह बुधवार को आरएसपुरम स्थित एक मैदान में आयोजित किया गया। जैन आचार्य वर्धमान सागर व विमल सागर सहित अन्य संतों के सानिध्य में विधि-विधान से दीक्षा दिलाई गई। दीक्षा के बाद नेहल कुमारी का नामकरण साध्वी नम्रदर्शिता किया गया।
तड़के तीन बजे प्रार्थना व योग पूरा करने के बाद जैन आगमों के अनुसार उसे दुल्हन के रूप में सजाया गया। मुमुक्षु नेहल को सुबह ८.१५ बजे मंडप प्रवेश कराया गया। इसके बाद दीक्षा विधि शुरू की गई। यहां ९.३० बजे संतों के प्रवचन व संयम के उपकरण की बोलियां (चढ़ावे) का विधान किए गए। दीक्षार्थी को साधु मार्ग का प्रतीक ओघा सौंपा गया। इसके बाद उसके आभूषण व सांसारिक रिश्तों अभिभावकों से सभी संबंध का त्याग कर केश मुंडाए गए।
अंत में रंगीन पोशाक के स्थान पर सूती श्वेत पोशाक पहनाई गई। सभी विधान पूर्ण होने के बाद आचार्य संतों ने साध्वी नम्रदर्शिता के नाम का ऐलान किया।
साध्वी नम्रदर्शिता(नेहल कुमारी) ने जनसंचार व एनिमेशन विशेषज्ञ की शिक्षा ली है।जानकारों का दावा है कि उत्तर भारतीय ने अंतिम बार यहां वर्ष १९७० में दीक्षा ली थी। उसके बाद वर्ष २०२० में यह दीक्षा समारोह हुआ। गौरतलब है कि इससे पूर्व मंगलवार को दीक्षार्थी नेहल की वर्षीदान शोभायात्रा मंगलवार सुबह वर्धमान ग्रैंड अपार्टमेंट, (अर्चना थियेटर के पीछे) से रवाना होकर बॉयज स्कूल, मैदान आरएसपुरम पहुंची।