scriptगुटखा कारोबार का गढ़ बना कोयम्बत्तूर | Coimbatore becomes a stronghold of gutkha business | Patrika News

गुटखा कारोबार का गढ़ बना कोयम्बत्तूर

locationकोयंबटूरPublished: Jan 19, 2020 04:39:34 pm

Submitted by:

Rahul sharma

पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी कोयम्बत्तूर में गुटखा व प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों का कारोबार न केवल बरकरार है,

पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी कोयम्बत्तूर में गुटखा व प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों का कारोबार न केवल बरकरार है,

पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी कोयम्बत्तूर में गुटखा व प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों का कारोबार न केवल बरकरार है, tamilnadu


कोयम्बत्तूर. पुलिस और खाद्य सुरक्षा विभाग के लाख प्रयासों के बाद भी कोयम्बत्तूर में गुटखा व प्रतिबंधित तम्बाकू उत्पादों का कारोबार न केवल बरकरार है, बल्कि दक्षिण व पश्चिमी तमिलनाडु में यहीं से गुटखे की आपूर्ति की जा रही है। इन दिनों तिरुपुर पुलिस कोयम्बत्तूर के गणपति इलाके के रहने वाले गुणशेखर की तलाश कर रही है। बताया जाता है कि आसपास के जिलों में यहीं गुटखे की आपूर्ति करता है। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को तिरुपति के केएसआर नगर में दो पुलिसकर्मियों ने एक कार को रुकने का इशारा किया था। चालक ने कार रोकी और गेट खोल कर भाग छूटा। कार की तलाशी में 540 किलोग्राम प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद मिले, जिन्हें जब्त कर लिया गया। पुलिस ने कार छोड़ कर भागने वाले चालक के बारे में जानकारी हासिल की तो पता लगा कि वह गुणशेखर था।वह कोयम्बत्तूर के गणपति इलाके का रहने वाला है। तिरुपुर पुलिस की विशेष टीम इसकी गिरफ्तारी के लिए यही डेरा डाले हुए हैं।
कोवई केन्द्र , सर्वाधिक खपत तिरुपुर में
गुटखे के अवैध कारोबार से जुड़े रहे लोगों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि इसका केन्द्र कोयम्बत्तूर है। तमिल मूल के लोग गुटखा पसंद नहीं करते व्यापारी भी दूर ही रहते हैं, यह धंधा कुछउत्तर भारतीय प्रवासियों के हाथों में ही है।वे थोक काम करते हैं। दुकान पर माल नहीं रखते। दुकान के पीछे की बस्तियों में मकानों में गोदाम किराए पर ले रखे हैं। वहीं से जरूरत के अनुसार माल आपूर्ति किया जाता है। कोयम्बत्तूर में बेंगलुरु व केरल के रास्ते माल लाया जाता है।
गुटखा के शौकीन भी प्रवासी ही हैं।इस लत के शिकार प्रवासियों की सर्वाधिक संख्या तिरुपुर में मानी जाती है, जो वहां की हॉजरी फैक्ट्रियों में काम करते हैं।
सब पर भारी लत
जैसे -जैसे पुलिस का शिकंजा गुटखा कारोबारियों पर कसता जाता है। बाजार में इसकी कीमत भी बढ़ती जाती है। पांच रुपए कीमत के गुटखे के पन्द्रह रुपए तक वसूले जाते हैं। इसकी खुदरा बिक्री भी कई प्रवासी दुकानदार ही करते हैं, लेकिन भारी मुनाफे व बढ़ती मांग की वजह से अब कईस्थानीय दुकानदार भी गुटखा रखने लगे हैं। हालांकि दुकानदारों को पुलिस के अलावा इलाके के बदमाश भी धमकाते हैं। पिछले दिनों तिरुपुर में ही तीन युवक एक प्रवासी की दुकान में पहुंचे और खुद को पुलिसकर्मी बता कर हजारों रुपए ऐंठ लिए। वे दूसरे दिन भी बाकी रकम लेने आने की कह कर गए थे। उनके जाने के बाद दुकानदार को शक हुआ तो उसने पुलिस थाने को जानकारी दी। दूसरे दिन तीनों को दबोच लिया गया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो