कोयम्बत्तूर. गरीब रोगियों के लिए सरकारी अस्पताल ही सहारा है, लेकिन यहां पर भी उन्हें चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है। ऐसा ही एक वाकया मंगलवार को कोयम्बत्तूर के राजकीय अस्पताल में हुआ।
पोल्लाची के कट्टूर निवासी राजा(६०) को पेट में दर्द की वजह से कोयम्बत्तूर रैफर किया गया था।उसे कैंसर वार्ड में भर्ती कर लिया गया। साथ में देखरेख के लिएउसकी पत्नी शांति आई थी। दोपहर में अचानक राजा की तबीयत बिगड़ गई। उस समय वार्ड में कोई डॉक्टर नहीं था। शांति ने वहां मौजूद चिकित्साकर्मियों से सहायता की गुहार लगाई पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वार्ड के अन्य रोगियों के परिजनों ने उसे आईसीयू में ले जाने की सलाह दी। पर नर्स व वार्ड बॉय ने सहयोग नहीं किया। इस पर शांति खुद स्ट्रेचर लाई लेकिन आईसीयू की जानकारी नहीं होने पर वह स्ट्रेचर को लेकर अस्पताल में इधर -उधर भटकती रही। बाद में अन्य लोगों ने उसकी सहायता की। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी किसी ने बना कर वॉयरल कर दिया।राजा की हालत में अब सुधार है। पर उसने बताया कि वे गरीब हैं । निजी अस्पताल में इलाज करा नहीं सकते और सरकारी अस्पताल में हमारी कोई सुनता नहीं। राजा ने बताया कि शांति को बहुत भाग दौड़ करनी पड़ी।