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स्थानीय कारीगरों को रोजगार

locationकोयंबटूरPublished: May 25, 2020 01:22:08 pm

Submitted by:

Dilip

फिलहाल पूरे देश से मास्क के आर्डर है। आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है। वहीं विदेशों से भी करीब ३०० करोड़ के मास्क के आर्डर मिले है। इनका काम चल रहा है। वहीं यूरोप से फैशनेबल मास्क के बारे में पूछताछ हो रही है।

स्थानीय कारीगरों को रोजगार

स्थानीय कारीगरों को रोजगार

कोयम्बत्तूर. कोरोना संकट तिरुपुर के लिए नई राह खोल रहा है। हॉजरी के बाद अब ये शहर मास्क, पीपीई व मेडिकल गारमेंट का हब बन सकता है।

हॉजरी के कारोबार से जुड़े शशिप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि फिलहाल एक लाख कारीगरों को काम मिल सकता है। तिरुपुर सहित आसपास के गांवों में ही कारीगर उपलब्ध है। इसलिए काम शुरू करने में कोई दिक्कत नहीं आ रही। फिलहाल पूरे देश से मास्क के आर्डर है। आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है। वहीं विदेशों से भी करीब ३०० करोड़ के मास्क के आर्डर मिले है। इनका काम चल रहा है। वहीं यूरोप से फैशनेबल मास्क के बारे में पूछताछ हो रही है। कपास, रेशम, ऊन से नए डिजायन के साथ मास्क तैयार किएजा रहे हैं। ये निर्यात किए जाने हैं और दैनिक उपयोग के लिए होंगे। निर्माण इकाइयां भी नए और विशिष्ट डिजाइन के फैशनेबल मास्क पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। चार हजार करोड़ रुपए के मास्क निर्यात का लक्ष्य है। गारमेंट का बाजार लॉकडाउन की चपेट में है। विकल्प के रुप में मास्क का काम ठीक है। हालांकि बांग्लादेश और वियतनाम ने पहले ही मास्क का निर्यात शुरू कर दिया है, फिर भी मास्क की भारी मांग है। यह बुनियादी जरूरत बन गया है। फैशनेबल मास्क की मांग निश्चित रूप से बढ़ेगी।
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