इलाके के एआईएडीएमके कार्यकर्ता दयाल कुमार कहते हैं कि यह मंदिर अम्मा को श्रद्धांजलि है। इसका निर्माण हमने इस इलाके के विकास के लिए अम्मा के योगदान के सम्मान में किया है। उन्होंने हमारे लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। हमारे लिए वे देवता के समान हैं, जिसे हमने देखा है। पूर्व वार्ड पार्षद वेणुगोपाल ने कहा कि अम्मा जब सत्ता में थीं तब इस इलाके में कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की थी। यह मंदिर इस इलाके के लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने लिए धन्यवाद के तौर पर किया गया है। मंदिर में दिन में दो बार जया की मूर्ति की पूजा की जाती है। हालांकि, तमिलनाडु में जया की यह कोई पहली मंदिर नहीं है। दिसम्बर 2016 में निधन के बाद तंजावुर Thanjavur में एक पार्टी कार्यकर्ता ने जयललिता का मंदिर बनवाया था।