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विदेशी सैलानियों ने पूरी टे्रन ली किराए पर

locationकोयंबटूरPublished: Dec 10, 2019 01:23:04 pm

Submitted by:

Dilip

कुन्नूर से ऊटी तक 19 किमी सफर के लिए अदा किए 2 .66 लाख – तीन कोच और स्टीम इंजन की हैरिटेज ट्रेन में 71 पर्यटकों ने किया सफर .
विश्व विरासत की श्रेणी में शामिल नीलगिरि माउंटेन रेल से यात्रा के लिए ७१ विदेशी सैलानियों ने सोमवार को पूरी ट्रेन किराए पर ली। इसके लिए उन्होंने २.६६ लाख रुपए अदा किए। ये सैलानी बिट्रेन बेल्जियम, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया सहित छह देशों के थे।

विदेशी सैलानियों ने पूरी टे्रन ली किराए पर

विदेशी सैलानियों ने पूरी टे्रन ली किराए पर

कोयम्बत्तूर. विश्व विरासत की श्रेणी में शामिल नीलगिरि माउंटेन रेल से यात्रा के लिए 71 विदेशी सैलानियों ने सोमवार को पूरी ट्रेन किराए पर ली। इसके लिए उन्होंने 2.66 लाख रुपए अदा किए। ये सैलानी बिट्रेन बेल्जियम, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया सहित छह देशों के थे। हालांकि मेट्टूपालयम -कुन्नूर खण्ड भू-स्खलन के कारण बंद है, लेकिन ट्रेन के प्रति यूरोपीय देशों के सैलानियों की दीवानगी ऐसी थी कि वे कुन्नूर से ऊटी तक के सफर के लिए भी राजी हो गए। पहले वे सड़क मार्ग से मेट्टूपालयम हो कर कुन्नूर पहुंचे। यहां उनके लिए विशेष ट्रेन तैयार मिली। कुन्नूर से ऊटी तक का सफर उन्होंने पारम्परिक इंजन लगी ट्रेन से किया। करीब १९ किलोमीटर की दूरी ट्रेन ने डेढ़ घंटे में पूरी की। इस दौरान ट्रेन की अधिकतम गति १४ किलोमीटर रही। यात्रा के बाद सैलानियों ने बताया कि यह यादगार सफर था। पहाड़ी नदी-नालों, घने जंगल, चाय के बागान, पहाड़ों के ऊपर साफ-सुथरे गांव और अंग्रेजी काल के रेलवे स्टेशनों ने सफर का मजा दोगुना कर दिया। अपनी यात्रा के दौरान पर्यटकों ने रेलवे कार्यशाला को देखा समझा। पुराने इंजन की तकनीक के बारे में जानकारी ली। पुराने इंजन व उपकरणों के फोटो खींचे।
रेलवे अधिकारियों ने नीलगिरी माउंटेन ट्रेन के इतिहास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे भारत के भ्रमण पर हैं। भारत अपनी प्राचीन सभ्यता, स्थापत्य , आध्यात्म व भूगोल की वजह से बेजोड़ है। उन्होंने कहा कि मेट्टूपालयम से ऊटी तक का सफर संभव नहीं हो पाया, फिर भी कुन्नूर से ऊटी तक के सफर का पूरा लुत्फ लिया। एनएमआर द्वारा की गई विशेष यात्रा के बारे मेें रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा सैलानियों को आकर्षित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। तीन कोच की ट्रेन के सभी टिकटों के मूल्य की राशि पर स्पेशल ट्रेन संचालित की जा सकती है। यह राशि २.६६ लाख हैं।
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