scriptगुरुमां के प्रवचन रामेश्वरम में27 फरवरी से | Gurumaan pravchan Rameswaram from 27 th February | Patrika News

गुरुमां के प्रवचन रामेश्वरम में27 फरवरी से

locationकोयंबटूरPublished: Feb 23, 2020 04:43:30 pm

Submitted by:

Dilip

ध्यान व सामाजिक कुरीतियां प्रवचन के प्रमुख विषय होंगे- गोस्वामी मठम ट्रस्ट (गोस्वामी मठ) द्वारा आनंदमूर्ति गुरूमां के प्रवचन रामेश्वरम धाम में 27 फरवरी से एक मार्च तक प्रतिदिन सुबह9 से 11 बजे तक होंगे।

गुरुमां के प्रवचन रामेश्वरम में27 फरवरी से

गुरुमां के प्रवचन रामेश्वरम में27 फरवरी से

कोयम्बत्तूर. गोस्वामी मठम ट्रस्ट (गोस्वामी मठ) द्वारा आनंदमूर्ति गुरूमां के प्रवचन रामेश्वरम धाम में 27 फरवरी से एक मार्च तक प्रतिदिन सुबह 9 से 11 बजे तक होंगे। प्रवचन के दौरान गुरूमां ज्ञान, भक्ति व योग विषय पर प्रकाश डालेंगी। गुरु मां का मानना है कि संत सिर्फ क्रांतिकारी होता है। वह किसी धर्म या संप्रदाय विशेष का नहीं होता। वह तो धर्म, जाति वर्ण व आश्रमों को की सीमाओं को पारकर केवल सत्य की उद्घोषणा करता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को खुश रहने में ध्यान का भी महत्व है। ध्यान ऐसा मार्ग है जो सभी प्रकार के मानसिक क्लेशों को दूर कर परमानंद व विश्रांति का अनुभव कराता है। सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखने वाली गुरू मां ने ध्यान में पूर्व देशों के प्राचीतम गूढ़ ज्ञान व पश्चिम देशों का वैज्ञानिक समन्वय साफ नजर आता है। ध्यान शिविरों के जरिए वह संसार के द्वंद्वों से त्रस्त मन को शांत गंभीर व आनंदमय जीवन जीने का कौशल सिखा रही हैं।

सामाजिक कुरीतियों का खंडन
सामाजिक कुरीतियों का खंडन करने के लिए उन्होंने मिशन शक्ति के माध्यम से नारी जाति को आत्म – सम्मान से जीने के लिए जगाया। बालिका शिक्षा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, कन्या भ्रूण हत्या, महिला उत्पीडऩ, दहेज प्रथा,नारी अत्याचारों के खिलाफ सामाजिक जागरुकता पर ध्यान केन्द्रित किया।
बताए आसान सूत्र
गुरूमां ने अपने प्रवचनों में मानव जाति व जगत को अध्यात्म की नवीन परिभाषा से परिचित कराया।आध्यात्मिक अंर्तजगत को सांसारिक बाह्य जगत से जोड़ा है जिससे व्यक्ति उनके बताए सूत्रों को आसानी से ग्रहण कर जीवनोपयोगी, सहज आंदोलनकारी आध्यात्मिक सूत्र व नई चेतना की नींव रख सकता है। प्रवचन में वह विभिन्न संतों के जीवन व संदेशों को उजागर किया है। हिंदू, बौद्ध, सिख, सूफी दर्शन पर उनके प्रवचन सहज ही समझे जा सकते हैं। गुरू मां प्रवचन के दौरान मेवलाना जलालुद्दीन रूमी, बाबा बुल्लेशाह, बाबा फरीद, कबीर, गुरूनानक आदि के काव्यों को संगीत के रूप में प्रस्तुत करती हैं।
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