उद्बोधन में सद्गुरू ने कहा कि रीयल ऐस्टेट इंडस्ट्रीज से ५ करोड़ श्रमिक कामगार जुड़े हैं प्रवासी श्रमिकों के लौटने से समस्त कार्य चरमरा गया है। अब भवन निर्माणकर्ता न बनकर राष्ट्र निर्माणकर्ता बनना है। कई कंपनियां चीन में कई प्रोजेक्ट बंद करना चाहती हैं भारत के लिए यह सुनहरा अवसर होगा कि वह प्रोजेक्ट यहां लगाएं जाएं। इसके लिए निवेश को बढ़ाना होगा। वक्ताओं ने सुझाव दिए कि बहुमंजिला ईमारत के साथ स्कूल, स्वास्थ्य सेवाएं, मनोरंजन सुविधाएं होनी चाहिए तथा चारों ओर पर्यावरण संरक्षण व जल स्त्रोत के लिए पर्याप्त जगह छोडऩी होगी। जिससे शुद्ध व स्वस्थ वातावरण में लोग रह सकें। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भवन निर्माण के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी सहज कर रखना होगा। वर्षा जल संरक्षण, पौधे, हरियाली आदि के लिए पर्याप्त स्थान व इसके रखरखाव की जिम्मेदारी तय करनी होगी। शिक्षा व्यवस्था में भी परिवर्तन की आवश्यकता है।