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जीवन में शक्तियों पर विवेक का अंकुश जरूरी

locationकोयंबटूरPublished: Oct 20, 2019 12:20:55 pm

Submitted by:

Dilip

जैन आचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि आग जीवन भी देती है और जीवन ले भी लेती है। नियंत्रण में रखी रसोई की आग भोजन देती है जबकि अनियंत्रित आग सब कुछ स्वाहा कर देती है।

जीवन में शक्तियों पर विवेक का अंकुश जरूरी

जीवन में शक्तियों पर विवेक का अंकुश जरूरी

कोयम्बत्तूर. जैन आचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि आग जीवन भी देती है और जीवन ले भी लेती है। नियंत्रण में रखी रसोई की आग भोजन देती है जबकि अनियंत्रित आग सब कुछ स्वाहा कर देती है। इसी प्रकार पानी जीवन का आधार है, लेकिन यह अनियंत्रित रूप से आ जाए तो बाढ़ के रूप में जीवन को हानि पहुंचा सकता है। उन्होंने जीवन में अंकुश को महत्वपूर्ण बताया। आचार्य यहां जैन मैन्योर अपार्टमेंट में बहुफणा पाश्र्वनाथ जैन ट्रस्ट की ओर से चल रहे चातुर्मास कार्यक्रम के तहत धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वायु भी नियंत्रित रूप से प्राण वायु का कार्य करती है, लेकिन यही यदि आंधी व तूफान के रूप में बहने लगती है तो विनाश का कारण बन जाती है। उन्होंने कहा कि यही युवा अवस्था में होता है। युवा अवस्था में शक्तियों का उत्थान होता है। बौद्धिक शक्ति भी बढ़ जाती है लेकिन शक्तियों पर विवेक का अंकुश न हो तो अंतरंग शत्रु आत्मा को तबाह कर देते हैं। कार में रफ्तार के साथ ब्रेक भी होने चाहिए। प्रगति के लिए केवल दौड़ ही जरुरी नहीं वरन जीवन में क्रिया के साथ विवेक भी चाहिए। आचार्य ने कहा कि हिरोशिमा नागासाकी, यहूदियों को मृत्यु के घाट उतारने जैसे घटनाक्रमों में तत्कालीन शासकों के पास शक्ति की कमी नहीं थी, लेकिन उस समय उनकी बुद्धि व शक्ति पर विवेक का अंकुश नहीं था जिसका कारण विनाश के रूप में सामने आया। आचार्य ने कहा कि आपके पास विवेक है तो सबसे पहले अपने अंतरंग शत्रु काम पर विजय प्राप्त करने केलिए पुरुषार्थ और सदाचार की साधना करनी होगी। इसके लिए चौथा अणुव्रत है। संतोष संयम व परस्त्री त्याग। दुनिया में युवा पीढ़ी के गिरते स्वास्थ्य व बीमारियों के प्रमुख कारणो में असंयमी होना है।
रविवार को माया छोड़ो, सरल बनो विषय पर प्रवचन व सोमवार को जैन संत हर्ष विजय की ४० वीं पुण्यतिथि के निमित्त सामूहिक आयंबिल होंगे। २६ व २७ को भगवान महावीर का निर्वाण कल्याणक निमित्त सामूहिक छड़ की आराधना होगी।
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