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कचरा पृथक्करण को लेकर लोग उदासीन

locationकोयंबटूरPublished: May 20, 2019 12:58:10 pm

शहर में कचरा निस्तारण की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपशिष्टों का उत्पादन स्तर पर पृथक्करण किया जाना आवश्यक है लेकिन कोवई के अधिकांश निवासी इसे लेकर गंभीर नहीं है।

Cleanliness soldiers,cover garbage,we worry about you and your health

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कोयम्बत्तूर. शहर में कचरा निस्तारण की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपशिष्टों का उत्पादन स्तर पर पृथक्करण किया जाना आवश्यक है लेकिन कोवई के अधिकांश निवासी इसे लेकर गंभीर नहीं है। शहर के लोग अपशिष्ट पृथक्करण को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है। शुरुआती स्तर पर ही अपशिष्ट पृथक्करण को बढ़ावा देने के लिए नगर निगम अब अभियान शुरू करने पर विचार कर रहा है।
ब्रिटिश सरकार के विदेश व राष्ट्रमंडल कार्यालय की ओर से एक निजी एजेंसी के अध्ययन मेें यह बात सामने आई है कि शहर में लोग कचरे के पृथक्कार को प्राथमिकता नहीं देते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्त्रोत पर पृथक्करण सौ फीसदी नहीं हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोग पृथक्करण की प्रक्रिया से अवगत नहीं है जबकि कुछ लोग अगल-अलग कचरे के परिवहन के लिए पर्याप्त ढांचागत सुविधाएं नहीं होने के कारण इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अगले एक साल में इस स्थिति को बदलने के लिए योजना बनाकर काम किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि कचरा पृथक्करण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए निगम को गलियों में लगे कचरा पात्र को हटाने के साथ प्राथमिक और द्वितीय स्तर के कचरा संग्रहण तंत्र को एकीकृत करना होगा।
इसके अलावा कर्मचारियों की कमी को दूर करने के साथ ही कचरे के परिवहन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पुराने वाहनों को भी हटाना होगा। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि स्त्रोत पर शत-प्रतिशत कचरा पृथक्करण सुनिश्चित करने के लिए निगम को व्यापक स्तर पर जनजागरुकता अभियान चलाना चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयम्बत्तूर की तुलना में छोटा होने के बावजूद इंदौर जागरुकता अभियान पर हर महीने एक करोड़ रुपए व्यय कर रहा है।
निगम के अधिकारियों का कहना है कि अध्ययन में जो स्थिति बताई है, निगम का आंतरिक आकलन भी उसके समान ही है। अधिकारियों का कहना है कि निगम इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहा है और लोगों को जागरुक करने के लिए गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक निर्माणाधीन माइक्रो कम्पोस्टिंग केंद्र से भी इस समस्या को हल करने में मदद मिलेगी।
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