घर वापसी के लिए प्रवासियों ने किया प्रदर्शन
प्रवासी कामगारों के सब्र का बांध टूट रहा है। काम -धंधा छूटा, बेघर हो गएऔर भविष्य में भी रोजगार की संभावनाएं धूमिल होते देख अब प्रवासी कामगार किसी भी कीमत पर अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन साधन नहीं होने से बेबस है।

कोयम्बत्तूर. प्रवासी कामगारों के सब्र का बांध टूट रहा है। काम -धंधा छूटा, बेघर हो गएऔर भविष्य में भी रोजगार की संभावनाएं धूमिल होते देख अब प्रवासी कामगार किसी भी कीमत पर अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन साधन नहीं होने से बेबस है। तिरुपुर में करीब दो लाख प्रवासी हॉजरी फैक्ट्रियों में रोजगार पाते थे पर वे बंद हो चुकी है। लॉकडाउन के दौरान जमा पंूजी भी खर्च हो चुकी है। हालांकि जिला प्रशासन करीब डेढ़ लाख प्रवासियों की सहायता का दावा कर रहा है। इस बीच केंद्र सरकार की प्रवासियों को घर भेजने की अनुमति की घोषणा से प्रवासियों ने तैयारी शुरू कर दी, लेकिन न तो यहां से ट्रेन चल रही और न ही बसों की कोई व्यवस्था है।
स्पेशल ट्रेन की मांग को लेकर लगभग 300 प्रवासी श्रमिकों ने तिरुपुर रेलवे स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि उन्हें घर भेजने के लिए ट्रेन की व्यवस्था की जानी चाहिए। प्रदर्शन करने वालों में बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के कामगार थे। उन्होंने नारेबाजी की। उनका कहना था कि सब पैसे खर्च हो चुके हैं। रोटी के लाले पड़े हुए हैं। न घर का किराया नहीं दे सकते । हमारी सिर्फ एक ही मांग है हमें घर पहुंचाया जाए। बाद में उपजिलाधिकारी कविता लक्ष्मी व इंस्पेक्टर गणेशन ने उन्हें समझा -बुझा कर शांत किया।
अब पाइए अपने शहर ( Coimbatore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज