घटना शहर के पीलमेडु इलाके में बुधवार रात की है। यहां धर्मपुरी का गोविन्दराज अपनी पत्नी हेमसवनी (37)बेटी सौम्या (16 ), सत्यप्रिया (11), बेटा मणिकंदन (10) और सबरीनाथन (7) के साथ पिछले कई सालों से रहता है। वह ट्रक चालक है। खींचतान के परिवार का खर्चा चलता है। एक बेटी फें फड़े सम्बन्धी बीमारी से ग्रसित है। इसके इलाज में काफी पैसा खर्च हुआ पर बीमारी ठीक नहीं हो पा रही। इलाज के लिए गोविन्द को कर्जा लेना पड़ा। बढ़ता कर्जा और बेटी की बीमारी से चिन्तित हेमसवनी अवसाद में रहने लगी। गोविन्दराज बुधवार शाम को काम पर चला गया था। हेमसवनी बच्चों के साथ थी।
उसने सभी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए बच्चों सहित आत्महत्या के लिए भोजन में जहर मिला दिया। पांचों ने खाना खाया। मां के चेहरे पर अजीब खामोशी को देख तीन बच्चों कुछ पूछने की हिम्मत नहीं कर पाए पर सबसे छोटे बेटे ने मां से कई सवाल किए। उसने यह भी पूछा कि मां भोजन में अजीब गंध आ रही है। बेटे के चेहरे पर जिंदगी जीने की ललक देख मां पिघल गई। उसने जहर का असर शुरू होने से पहले चारों बच्चों को साथ लिया और कोयम्बत्तूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच गई। चिकित्सकों ने जब उसकी बात सुनी तो वे भी सहम गएपर तत्काल पांचों का इलाज शुरू किया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार पांचों की हालत में सुधार है।