scriptजन्म देते ही चल बसी मां, मौसा-मौसी ने नवजात को बेचा! | Newborn infant sold for Rs.7500 to perform mother's last rites | Patrika News

जन्म देते ही चल बसी मां, मौसा-मौसी ने नवजात को बेचा!

locationकोयंबटूरPublished: Sep 14, 2019 07:46:09 pm

नि:संतान दंपती को ₹ 7500 में दिया बच्चा : अंतिम संस्कार और इलाज का खर्च चुकाने के लिए धन की कमी बना कारण

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कोयम्बत्तूर. जिले Coimbatore के सुलूर में हुई एक नवजात Newborn Child Sold को बेचने के संदिग्ध घटनाक्रम ने लोगों को सकते में डाल दिया। बच्चे को जन्म देने के कुछ दिन बाद ही उसकी मां की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे मृतका के शव को अपने गांव ले जा सकें। आरोप है कि पैसों की व्यवस्था के लिए उन्होंने बच्चे को एक नि: संतान दम्पती को 7500 रुपए में सौंप दिया। मामले की जानकारी मिलते ही चाइल्ड हेल्पलाइन के अधिकारियों ने नवजात को अपने संरक्षण में लेते हुए देखरेख के लिए कोयम्बत्तूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया है।
घटनाक्रम के अनुसार नागपट्टिनम जिले के कलमनल्लूर की एक युवती तिरुपुर में निटवियर कम्पनी में काम करती थी। वहीं साथ में काम करने वाले एक युवक से उसके प्रेम सम्बन्ध के दौरान वह गर्भवती हो गई थी।
पिछले सप्ताह प्रसव पीड़ा होने पर युवती को सुलूर के अस्पताल में भती कराया गया था। कन्नमपलायम की एक कपड़ा मिल में काम करने वाले युवती का बहनोई उसे अस्पताल ले गया था। चूंकि वह अविवाहित थी। इसलिए पति के रुप में बहनोई ने अपना नाम दर्ज करा दिया था। बच्चे को जन्म देने के बाद छह सितम्बर को युवती की मौत हो गई। बहन और बहनोई के सामने युवती के शव को कलमनल्लूर ले जाने की समस्या खड़ी हो गई। उनके पास न तो एम्बुलेंस और न ही अंतिम संस्कार के लिए पैसे थे। पैतृक गांव शव ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने 5 हजार रुपए मांगे थे।
बताया जाता है कि बहन और बहनोई ने बच्चे को दम्पती राजन और सेल्वी को 7500 रुपए में दे दिया। इस दम्पती ने भी बच्चे को पालन पोषण के लिए पल्लडम में नि: संतान एक दम्पती को सौंप दिया। उस दंपती के पड़ोसियों ने जब उनकी गोद में नवजात को देखा तो वे चौंके। मामला संदिग्ध लगने पर उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दे दी। खबर मिलते ही बाल संरक्षण अधिकारी जोसेफ के नेतृत्व में कृष्णा कुमारी, भुवनेश्वरी, उमा देवी मौके पर पहुंचे और बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया। बाल संरक्षण समिति के समक्ष बच्चे को पेश करने के बाद उसे इलाज के लिए कोयम्बत्तूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। चाइल्ड हेल्पलाइन और पुलिस विभाग मामले की जांच कर रहे हैं। अभी तक पूछताछ में युवती की बहन ने बताया कि चूंकि वह बच्चे की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए उसे जरूरतमंद दम्पती को सौंप दिया था।
पुलिस उपाधीक्षक के. बालामुरुगन ने कहा कि दंपती ने बयान में बच्चे को बेहतर परवरिश के लिए दिए जाने की बात कही है। उन्होंन सिर्फ बच्चे के इलाज और एंबुलेंस खर्च के लिए पैसे लेने की बात कही है। वे बच्चे को बेचने की बात से इनकार कर रहे हैं। मामला बाल संरक्षण अधिकारी के पास है। अगर उन्हें जांच में कुछ संदेहास्पद लगता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।
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