बताया जाता है कि बहन और बहनोई ने बच्चे को दम्पती राजन और सेल्वी को 7500 रुपए में दे दिया। इस दम्पती ने भी बच्चे को पालन पोषण के लिए पल्लडम में नि: संतान एक दम्पती को सौंप दिया। उस दंपती के पड़ोसियों ने जब उनकी गोद में नवजात को देखा तो वे चौंके। मामला संदिग्ध लगने पर उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दे दी। खबर मिलते ही बाल संरक्षण अधिकारी जोसेफ के नेतृत्व में कृष्णा कुमारी, भुवनेश्वरी, उमा देवी मौके पर पहुंचे और बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया। बाल संरक्षण समिति के समक्ष बच्चे को पेश करने के बाद उसे इलाज के लिए कोयम्बत्तूर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया है। चाइल्ड हेल्पलाइन और पुलिस विभाग मामले की जांच कर रहे हैं। अभी तक पूछताछ में युवती की बहन ने बताया कि चूंकि वह बच्चे की देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए उसे जरूरतमंद दम्पती को सौंप दिया था।
पुलिस उपाधीक्षक के. बालामुरुगन ने कहा कि दंपती ने बयान में बच्चे को बेहतर परवरिश के लिए दिए जाने की बात कही है। उन्होंन सिर्फ बच्चे के इलाज और एंबुलेंस खर्च के लिए पैसे लेने की बात कही है। वे बच्चे को बेचने की बात से इनकार कर रहे हैं। मामला बाल संरक्षण अधिकारी के पास है। अगर उन्हें जांच में कुछ संदेहास्पद लगता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।