संसद की इस प्रतिकृति को बनाने के लिए करीब 1.25 लाख फूलों का उपयोग किया गया है। इसके लिए कृष्णगिरि और धर्मपुरी से फूल मंगवाए गए थे। इसके अलावा फूलों की टोकरी (फ्लावर बास्केट) भी बनाई गई है। इसके अलावा गमलों में भी 30 हजार से अधिक फूल प्रदर्शित किए गए हैं, जिसमें आयातित फूल भी शामिल हैं। प्रदर्शनी 21 मई तक चलेगी।
देश में फूलों के कुल उत्पादन में तमिलनाडु की हिस्सेदारी 19 फीसदी है। ऊटी के सरकारी उद्यान में आयोजित पुष्प प्रदर्शनी देश में होने वाले ऐसे सबसे सुंदर आयोजनों में से एक है। हर साल उद्यान देखने 28-30 लाख सैलानी आते हैं।
प्रदर्शनी में 30 हजार गमलों में पुष्प प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें से 15 हजार गमले नई बगीचे में रखे गए हैं जबकि बाकी 15 हजार गमलों को पुष्प गैलरी में रखा गया है।
इस बार प्रदर्शनी में सेल्फी के शौकीन सैलानियों की आकांक्षा को देखते हुए सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है। फ्लाइंग बटरफ्लाई आकार में बनी सेल्फी प्वाइंट के साथ पहले दिन सेल्फी लेने के लिए सैलानी काफी उत्सुक दिखे। सैलानियों के संसद भवन की फूलों से बनी प्रतिकृत और फूलों की टोकरी भी आकर्षण का केंद्र रहा।
वर्ष 1847 में मद्रास प्रसिडेंसी के तत्कालीन गर्वनर ने ऊटी में पुष्प प्रदर्शनी की परंपरा शुरू की थी। वर्ष 2009 से तीन दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार पांच दिवसीय आयोजन होगा। प्रदर्शनी 21 मई तक चलेगी।