बेटियों को पैरेंट्स के ऑफिस जा मिली जानकारी, गर्व की अनुभूति~ राजस्थान पत्रिका का बिटिया इन ऑफिस अभियान एक बार फिर बेटियों में जोश व उमंग भर लाया। जब बेटियां अपने पिता के कार्य या व्यवसाय स्थल पर पहुुची तो उन्हें न केवल कार्य प्रणाली का ज्ञान हुआ वरन उनमें खुद में भी एक आत्म विश्वास का संचार हुआ।
…क्योंकि दिल के पास है वो, कुछ खास है जो…
कोयम्बत्तूर.राजस्थान पत्रिका का बिटिया इन ऑफिस अभियान एक बार फिर बेटियों में जोश व उमंग भर लाया। जब बेटियां अपने पिता के कार्य या व्यवसाय स्थल पर पहुुची तो उन्हें न केवल कार्य प्रणाली का ज्ञान हुआ वरन उनमें खुद में भी एक आत्म विश्वास का संचार हुआ। साथ ही अपने पिता को होने वाली रोजमर्रा की दिक्कतों को भी समझा। बेटियों को दफ्तर में देख पिता भी फूले नहीं समा रहे थे।
बेटियों का अपने पैरेंट्स के ऑफिस जाना खास अनूभूति रही। जहां एक तरफ उन्होंने अपने माता-पिता के काम को समझा, वहीं कार्यस्थल पर होने वाली चुनौतियों को भी समझना उनके लिए खास अनुभव रहा। बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने से लेकर उनमें अपने पैरेंट्स के प्रति गर्व की भावना को जागृत करने के उद्देश्य से अनूठा अभियान ‘बिटिया इन ऑफिसÓ आयोजित किया।
जीवन में सफलता के लिए मेहनत के महत्व को समझा पापा के दुकान में ग्राहकों से बातचीत करने के तरीके और कंप्यूटर के माध्यम से अकाउंट मैनेज करना समझा। यह एक अच्छा अनुभव रहा। सी.ए. की पढ़ाई करने के कारण मुझे व्यवहारिक अनुभव में भी मदद मिली। साथ ही जीवन में सफलता के लिए मेहनत के महत्व को भी समझा। भावना
व्यापार की बारीकियों को समझने का मौका मिला पापा के साथ एक दिन में दुकान पर बहुत कुछ सीखने को मिला। पापा के हर ग्राहक के साथ व्यवहार और व्यापार की बारीकियों को सीखने का अवसर मिला। यह सुखद अनुभव रहा। मृदुभाषी और व्यवहार कुशल होने का महत्व भी समझा।
-शिल्पा वंडरफुल एक्सपीरियंस पापा के ऑफिस आकर हम दोनों को बहुत अच्छा लगा। हमें अकाउंट और बैंकिंग के बारे में काफी सीखने और समझने का मौका मिला। -रिद्धि-सिद्धि जीरावाला मां की मदद से मिली खुशी
मम्मी के संग घर के साथ ही दुकान का काम करने से काफी कुछ सीखने को मिला। मां की मेहनत का महत्व भी समझ में आया। -ऊषा पिता मेरे हैं रोल मॉडल
पापा कितनी मेहनत करते हैं यह आज मालूम चला। व्यापार, मार्केटिंग और अकांउट्स के बारे में भी जानने का मौका मिला। याशिका मार्केटिंग के गुर सीखे मैंने पापा के साथ काम करके बहुत कुछ सिखा है और मैने मार्केटिंग की बारीकियां जानी। साथ ही आगंतुकों के साथ कैसे व्यवहार करना और रखना है,यह भी सीखा। पापा ने सिखाया कि सब से मुस्कराकर हंसते हुए प्रेम से बोलना।
-नेहा व्यवहार के महत्व को समझा पापा की दुकान पर आकर व्यापार के कामकाज की बारीकियों को हमने सीखा। ग्राहकों के साथ व्यवहार को भी सीखा-समझा। मोक्षिता, योगिता