भारी बारिश से केले के हजारों पेड़ तबाह
कोयंबटूरPublished: Apr 24, 2019 12:40:55 pm
गुडलूर में भारी बरसात से केले की फसल तबाह हो गई है। घने जंगल के बीच आबाद गुडलूर सहित आसपास के गांवों में सोमवार रात तेज गर्जना के साथ मूसलाधार बारिश ने लोगों की नींड उड़ा दी।इलाके के मुदुमलाई, ओवेली, देवरसलाई, मरप्पलम, नादुकानी व पुल्लीमपराई गांव में देर रात तेज हवाओं के साथ भारी बरसात से हजारों की संख्या में केले के पेड़ धराशायी हो गए।
भारी बारिश से केले के हजारों पेड़ तबाह
कोयम्बत्तूर.गुडलूर में भारी बरसात से केले की फसल तबाह हो गई है। घने जंगल के बीच आबाद गुडलूर सहित आसपास के गांवों में सोमवार रात तेज गर्जना के साथ मूसलाधार बारिश ने लोगों की नींड उड़ा दी।इलाके के मुदुमलाई, ओवेली, देवरसलाई, मरप्पलम, नादुकानी व पुल्लीमपराई गांव में देर रात तेज हवाओं के साथ भारी बरसात से हजारों की संख्या में केले के पेड़ धराशायी हो गए।
भारी बरसात को देख कर किसान अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए पर वे जान गए कि तेज हवाओं व मूसलाधार बारिश ने खेतों में तबाही मचा दी होगी। बरसात थमने के बाद किसान जब खेतों को संभालने पहुंचे तो वहां की हालत देख आंसू निकल आए।उनकी मेहनत पर पानी फिर चुका था। केले के पेड़ धरती पर आड़े पड़े थे। उन पर लगे अधकच्चे फल जमीन पर पड़े थे। उन्होंने पेड़ों को संभाला , लेकिन अधिकांश के तने भी टूट गए थे। जो बचे थे, किसानों ने लकड़ी बांध कर खड़ा किया।किसानों के पूरे परिवार फसल को बचाने में जुट गए। इधर पुल्लीमपराई गांव में किसान कट्टू राजा के मकान पर एक पेड़ गिर गया। इससे मकान को नुकसान पहुंचा है।
गनीमत रही कि घटना के वक्त मकान के उस हिस्से में कोई नहीं था। इससे बड़ा हादसा टल गया।आंधी-तूफान और बरसात के कारण इलाके की बिजली व्यवस्था भी प्रभाविक हुईहै। बारिश के बाद अब गांवों के रास्तों में कीचड़ हो गया है। पहाड़ी इलाका होने के कारण भू-स्खलन का खतरा बढ़ गया है।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पहले नीलगिरि जिले के चिन्नालक्कमबाई गांव में भारी बरसात के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से प्रिया, कमला, मल्लिका, रानी, वल्ली, सेल्वी, नागराज, दिनेश, अरुमुगम और गर्भवती महिला दीपा घायल हो गए थे।