यह दोनों सड़कें पर्यटकों और वाहनों द्वारा नीलगिरि में उत्पादित सब्जियों और फलों को विभिन्न जिलों और पड़ोसी राज्यों में ले जाती हैं। इसलिए जंगली जानवर सामान्य रूप से घने जंगलों से बाहर नहीं निकलते हैं और अक्सर सड़कों के किनारे भी दिखाई नहीं देते, लेकिन वर्तमान में लॉकडाउन के कारण इन जंगलों से जुगरने वाले मार्ग पर यातायात 90 प्रतिशत तक कम हो गया है। सड़कें सुनसान होने के कारण हाथियों सहित जंगली जानवर अब बिना किसी डर के सड़कों पर घूमते दिखाई देते हैं। हाथियों के झुंड कोटागिरि मार्ग में पहले हेयरपिन मोड़ पर डेरा डाले हुए दिखाई देते हैं और सड़क के किनारे पेड़ों से खाने का आनंद लेते पाए जाते हैं। फिर हाथियों को वन विभाग द्वारा सड़कों के पास जंगल में स्थापित टैंकों से पानी पिलाया जाता है और बाद में छोडऩे से पहले रंगों में विश्राम किया जाता है। इस सम्बंध में वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वाहनों की संख्या में कमी के कारण वन्यजीव घने जंगलों से सड़कों पर आ गए हैं।