सरकार ने नेट न्यूट्रेलिटी पर कमेंट्स करने की तिथि 15 अगस्त से बढ़ाकर अब 20 तक कर दी है
नई दिल्ली। सरकार ने नेट न्यूट्रेलिटी पर पब्लिक कमेंट की तिथि को बढ़ाकर अब 20 अगस्त तक कर दिया है। इसके पक्ष या विपक्ष में अब 20 अगस्त तक अपनी राय दी जा सकती है। गौरतलब है कि सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों द्वारा प्रस्तावित इस पॉलिसी को जनता की राय के आधार पर लागू करने का विचार किया था। इस के खिलाफ ट्राई को अब तक 10 लाख से ज्यादा कमेंट्स मिल चुके हैं।
एक ही दिन में आई कमेंट्स की बाढ़नेट न्यूट्रेलिटी पर रिकमंडेशंस केलिए दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद द्वारा स्थापित पेनल को मिलने वाले कमेंट्स की संख्या 14 अगस्त तक महज 700 थी, लेकिन एक ही दिन यानी 15 अगस्त तक यह 33600 से ऊपर पहुंच गई। ऎसा ए आईबी द्वारा चलाए गए “सेव दी इंटरनेट” अभियान के कारण होना माना जा रहा है। वहीं ट्राई को भी इस संबंध में 10 लाख से ज्यादा कमेंट्स मिल चुके हैं।
क्या है नेट न्यूट्रेलिटीयह टेलीकॉम कंपनियों द्वारा लाया गया एक पेनल है। इसमें इंटरनेट आधारित एप्स जैसे स्काईप, व्हाट्सएप तथा वाइबर आदि द्वारा दी जाने वाली वॉयस कॉल्स की सुविधा को रेगुलेट करने की बात कही गई है। इसके तहत ग्राहकों को एप्स क ी सुविधा के लिए टेलीकॉम कंपनियों को मासिक शुल्क चुकाने की सिफारिश की गई है, जबकि अभी ग्राहकों से मोबाइल फोन में वॉयस कॉल की सुविधा उपलब्ध कराने वाले किसी भी एप में इस सुविधा के लिए अतिरिक्त चार्ज नहीं वसूला जाता है। यह जो भी आपके फोन में इंटरनेट प्लान है उसी पर आधारित होता है। वहीं टेलीकॉम कंपनियां चाहती है इन एप्स द्वारा दी जाने वाली वॉयस कॉल सुविधा के लिए ग्राहकों से पैसा वसूला जाए।
कितना सस्ता है एप्स से इंटरनेट के तहत बात करनाअभी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दी जाने वाली वॉयस कॉल्स और मैसेज की सेवाएं इन एप्स की तुलना में क्रमश: 12.5 गुना और 16 गुना अधिक पड़ती है। उदाहरण के तौर पर स्टैंडर्ड रेट्स के मुताबि प्रति जीबी 3जी नेटवर्क पर वीओआईपी की लागत लगभग 4 हजार रूपए पड़ती है, वहीं 2जी नेटवर्क पर यही लागत लगभग 10 हजार रूपए तक आती है। गौरतलब है कि एयरटेल 1 जीबी 3जी डेटा के लिए जहां 249 रूपए चार्ज करता है वहीं 1जीबी 2 जी इंटरनेट के लिए 175 रूपए लेता है। हालांकि बाद में लोगों के कड़े विरोध के बाद एयरटेल ने सेपरेट चार्ज प्लान को वापस ले लिया था। इसके बाद विवाद उस समय और बढ़ गया जब एयरटेल ने जीरो रेटिंग प्लेटफॉर्म जारी किया। यह प्लेटाफॉर्म कुछ वेबसाइट्स के लिए फ्री एक्सेस की सुविधा मुहैया कराता है। लेकिन इस प्लेटफार्म का फ्री एक्सेस उन्हीं ग्राहकों को मिलता है जो इसके पैसा देते हैं।
अब जनता की राय पर होगा फैसलाअब इस मुद्दे पर सरकार जनता की राय और ट्राई द्वारा दी जाने वाली सलाह पर विचार करने के बाद ही कोई फैसला लेगी। इसके लिए सरकार ने अब पब्लिक कमेंट की तिथि बढ़ाकर 20 अगस्त तक की है।