वैज्ञानिकों के मुताबिक यह नई तकनीक इतनी सुरक्षित है कि यजर्स अब किसी भी हैकर के डर के बिना चैन की नींद सो सकेंगे। वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक केवल दो क्वांटम नेटवर्क को जोड़कर सुरक्षित माध्यम से संचार किया जा सकता है। लेकिन अब ऐसा तरीका खोज लिया गया है जिससे अधिक से अधिक क्वांटम डिवाइस का सुरक्षित नेटवर्क बनाया जा सकता है। क्वांटम डिवाइस भौतिकी के क्वांटम नियम पर आधारित होती हैं। इसके तहत किसी दो डिवाइस को जोड़ने के लिए कम से कम भौतिक इकाइयों का यूज किया जाता है। इसी कारण इन डिवाइसेज को जोड़कर बनाया गया नेटवर्क अधिक सुरक्षित माना जाता है।
ये रास्ता तलाशा
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के कियारान ली ने कहा है कि अभी बनाए जाने वाले कंप्यूटर नेटवर्क गणित के अनुमानों पर आधारित होते हैं जिनको हैक करना आसान होता है। इसलिए अब बड़े नेटवर्क के माध्यम से संचार करने के लिए भौतिकी के क्वांटम नियमों को आधार बनाया जा रहा है। यह विधि भौतिकी के क्वांटम नियमों के आधार पर है और इसकी नकल नहीं की जा सकती है। इसको हैक करने वाली ‘की’ नेटवर्क से जुड़े डिवाइस पर ही शेयर हो सकती है। इसलिए इसको हैक करना नामुमकिन होगा। इससे संचार स्थापित करने से पहले ही इस नेटवर्क की सुरक्षा जांची जा सकती है।
सामान्य नेटवर्क तैयार करना है
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ मैटी होबान के मुताबिक, हमारा उद्देश्य एक ऐसा सामान्य नेटवर्क तैयार करना है जिस पर विश्वास करने के लिए किसी उपकरण के निर्माता पर निर्भर नही रहना पड़ें। इसके लिए इस तकनीक पर काम किया जा रहा है जिसमें संदेशों को जिससे शेयर किया जा रहा है उसे छोड़कर और कोई नहीं देख सकता। इसका मतलब मैसेज पूरी तरह से गोपनीय रहता है।