हिंसा खोजने पर इसकी निंदा करने वाले वीडियो दिखाएगा यू-ट्यूब
Published: Jul 22, 2017 06:50:00 pm
वीडियो शेयरिंग साइट यूट्यूब ने कहा है कि जो लोग हिंसक और उग्रवादी विचारों से जुड़े वीडियो तलाशते हैं उन्हें आतंकवाद की निंदा करने वाले वीडियो दिखाए जाएंगे।
नई दिल्ली। वीडियो शेयरिंग साइट यूट्यूब ने कहा है कि जो लोग हिंसक और उग्रवादी विचारों से जुड़े वीडियो तलाशते हैं उन्हें आतंकवाद की निंदा करने वाले वीडियो दिखाए जाएंगे। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट से जुड़े वीडियो सर्च करने वाले लोगों को रिडायरेक्ट मेथड के जरिए यूट्यूब की वीडियो प्लेलिस्ट में इस विचारधारा का असली रूप दिखाने वाले वीडियो ऑफर किए जाएंगे। दरअसल, यूट्यूब का कहना है कि वह लोगों को कट्टरपंथी होने से बचाना चाहता है।
यू-ट्यूब ने बताया कि आईएस की विचारधारा का समर्थन करने वाले वीडियो अपलोड करना पहले ही उसके नियम और शर्तों के खिलाफ है। एक ब्लॉग पोस्ट में वीडियो स्ट्रीमिंग की इस कंपनी ने कहा है कि वह सर्च को रीडायरेक्ट करने के तरीकों पर काम कर रही है। यह ऐसी मुहिम है जो कथित आईएस सर्च करने वाले लोगों को इस संगठन की चाल का पर्दाफाश करने वाले वीडियो दिखाएगी, जिसके जरए वे भर्तियां करते हैं।
आतंकी संगठन छोड़कर आए लोगों की आपबीती
इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकी संगठनों पर आधारित कई वीडियो में दावा किया गया है कि यह संगठन बेहतर प्रशासन और मजबूत सेना वाला है। संगठन से जुड़े तमाम वीडियो में यह भी कहा गया है कि दुनियाभर की शक्तियां मुसलमानों को नुकसान पहुंचाने के लिए साजिश रच रही हैं। किसी भी तरह के नए वीडियो बनाने के बजाय यूट्यूब की ओर से सर्च पर जो प्लेलिस्ट दिखेगी उसमें वो वीडियो होंगे जो पहले से इस प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं। जैसे-आईएस छोड़कर आए लोगों के बयान, जिनमें उन्होंने संगठन में रहते जिंदगी की असलियत बताई। एक बुजुर्ग महिला का वीडियो जिसमें वह दो आईएस लड़ाकों को ‘खुदा के रास्ते परÓ लौटने के लिए कह रही हैं। हिंसा और आतंकवाद की निंदा करने वाले इमाम के वीडियो और आईएस के नियंत्रण वाले इलाकों के फुटेज के जरिए वहां के असली हकीकत बयां करना।
एंटी मुस्लिम एजेंडे वाले वीडियो भी होंगे खारिज
रीडायरेक्ट मेथड के जरिए नए वीडियो न बनाकर ऐसे वीडियो दिखाने के पीछे वजह यह भी है कि लोग इन पर ज्यादा भरोसा करेंगे। कंपनी ने यह भी कहा कि सरकारों या पश्चिमी न्यूजआउटलेट की ओर से बनाए गए किसी भी वीडियो को खारिज कर दिया जाएगा क्योंकि उनके बारे में एंटी-मुस्लिम एजेंडा को बढ़ावा देने की धारणा बनी हुई है। शुरुआत में सर्च को रीडायरेक्ट करने का काम सिर्फ अंग्रेजी में किया जा रहा है लेकिन बाद में इसे अरबी समेत दूसरी भाषाओं में भी लागू किया जाएगा।