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7000 रन पूरे करने वाली पहली महिला मिताली
मिताली का कहना है कि पिछला साल मेरे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में २० वर्षों के बराबर है। गौरतलब है कि मिताली एकमात्र ऐसी महिला बल्लेबाज हैं जिनके नाम वनडे में ७००० से ज्यादा रन है। उन्होंने कोविड-19 काल के दौरान खुद को प्रेरित रखने की बात की। उन्होंने कहा कि मैं जानती हूं कि हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन मैंने अपनी फिटनेस पर काम करने के लिए काफी कुछ किया है। वैसे भी मेरी उम्र कम नहीं हो रही, बल्कि मेरी उम्र बढऋ रही है और मैं फिटनेस की अहमियत जानती हूं।
विश्व कप से पहले हर दौरा अहम
मिताली ने कहा, हमें विश्व कप के लिए भावनात्मक रूप से पूरी तरह तैयार रहना होगा। वनडे वल्र्ड कप से भारतीय महिला टीम को चार द्विपक्षीय श्रंृखलाएं खेलनी हैं, जिसमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड और वेस्टइंडीज के दौरे होने हैं। अब से प्रत्येक दौरान बैतार बल्लेबाज मेरे लिए अहम औ साथ ही मुझे विश्व कप के लिए टीम तैयार करनी है और उन्हें एकजुट करना है।
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तेज गेंदबाजी पर काम करने की जरूरत
मिताली का कहना है कि हम लड़कियां कम और सीमित सुविधाओं में काम कर रही हैं। सभी का ध्यान आगामी 2022 वनडे कप पर है। उन्होंने स्वीकार किया कि तेज गेंदबाजी ऐसा विभाग है जिसे सुधारने की जरूरत है और इसमें भविष्य के लिए एक पूल बनाने की जरूरत है क्योंकि झूलन गोस्वामी भी अपने कॅरियर के अंत की ओर हैं। मिताली ने कहा, ‘हमें निश्चित रूप से कुछ खिलाडिय़ों को तलाशना होगा और न्यूजीलैंड के लिए तैयार करना होगा।’ इस दौरान महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी पैनल में शामिल थे, मिताली को उनसे भी कुछ सलाह मिली। गावस्कर को लगता है कि मिताली की टीम विराट कोहली की टीम से प्रतिद्वंद्वियों से डरे बिना उन्हें चुनौती देने की चीज सीख सकती है।
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पत्नी के साथ लाड्र्स में 2017 महिला वनडे विश्व कप फाइनल देख रहा थ। मैंने देखा कि इंग्लैंड की खिलाड़ी आपके निचले क्रम को परेशान कर रही थी और अपने हावभाव से उन्हें भयभीत कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ‘मैं लड़कियों से चाहूंगा कि वे नीचे देखने के बजाय प्रतिद्वंद्वी की आंखों में घूर कर देखें। मुझे लगता है कि ‘बॉडी लैंग्वेज’ काफी अहम पहलू है। विराट कोहली को देखो, वह प्रतिद्वंद्वी को घूरता है और फिर पूरी टीम भी ऐसा ही करती है।