फेयरवेल स्पीच से सभी को भावुक कर दिया
अपने करियर का आखिरी मैच ख़तम होने के बाद सचिन ने एक भावुक स्पीच दी, सचिन ने इस स्पीच से पूरी दुनिया को इमोशनल कर दिया। सचिन ने काफी लंबी स्पीच दी थी, जिसे कहते हुए वह खुद तो भावुक थे ही साथ ही इस स्पीच को सुनने वाले हर शख्स की आंखों में आंसू थे। मास्टर ब्लास्टर जब आखिरी बार मैदान पर उतरे तो उन्होंने 22 यार्ड की उस पिच को झुककर सलाम किया। जहां से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी उसी ग्राउंड पर अपने परिवार और दर्शकों के सामने उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। अपने विदाई भाषण में उन्होंने कहा कि फैंस के ‘सचिन…सचिन…’ शब्द उनके जेहन में हमेशा गूंजते रहेंगे। सचिन ने कहा था- ’22 यार्ड के बीच की मेरी 24 वर्ष की जिंदगी का अंत आ चुका है। उनके इस वाक्य के बाद हर क्रिकेट फैन की आंखों में आंसू आ गए थे। क्रिकेट फैंस के लिए ये समझना बेहद मुश्किल था कि बिना सचिन के क्रिकेट कैसा होगा।
बाथरूम में जा कर रोने लगे थे सचिन
मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर ने अपने करियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ 1989 में की थी। पहली पारी में सचिन ने मात्र 15 रन बनाए थे। 28 साल पहले की याद ताजा करते हुए तेंदुलकर ने एक फेसबुक लाइव किया। फेसबुक लाइव में सचिन ने कहा जब पहले मैच में वो जल्दी आउट हो गए थे तो अपने प्रदर्शन से काफी निराश थे और बाथरूम में जाकर रोने लगे। सचिन तेंदुलकर ने कहा, जब मैं अपनी पहली पारी खेलकर ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मुझे लगा कि गलत जगह पर गलत समय आ गया। मेरे लिए ये बहुत मुश्किल था। मैं बाथरूम में गया और रोने लगा। फिर वहां जो सीनियर प्लेयर्स मौजूद थे, उन्होंने मुझे समझाया और प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि मुझे क्या करना चाहिए। इससे मुझे अगले मैच में विश्वास मिला।
सचिन का करियर
सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 200 टेस्ट खेले हैं, जिसमें 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 51 शतक और 68 अर्धशतक जमाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 248* रहा। वही वन-डे क्रिकेट में सचिन ने 463 मैचों में 49 शतक व 96 अर्धशतक की मदद से 18,426 रन बनाए। वन-डे में सचिन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 200 रन रहा। वबदाय क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले वो विश्व के पहले बल्लेबाज थे।