हार्दिक और क्रुणाल पांड्या
हार्दिक (Hardik Pandya) और क्रुणाल पांड्या (Krunal Pandya) दोनों भाई हैं और दोनों काफी प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं। इन दोनों को वर्तमान में टीम इंडिया का शीर्ष हरफनमौलाओं में गिना जाता है। हार्दिक पांड्या तो टीम इंडिया में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपनी जगह पक्की भी कर चुके हैं, जबकि सीमित ओवरों के क्रिकेट में क्रुणाल उपयोगी खिलाड़ी माने जाते हैं। ये दोनों टीम इंडिया के अलावा आईपीएल (IPL) में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) की ओर से खेलते हैं। लेकिन एक वक्त ऐसा भी था कि ये दोनों सिर्फ मैगी खाकर गुजारा करते थे।
रोहित शर्मा
हिटमैन के नाम से मशहूर मुंबई के रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की पारिवारिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी। वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) इतिहास के सबसे सफल कप्तान हैं और सीमित ओवर के फॉर्मेट में टीम इंडिया के उपकप्तान हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था कि उनके माता-पिता उनके स्कूल की फीस तक भरने में अक्षम थे। लेकिन रोहित को परिवार के अन्य सदस्यों से मदद मिली। इस बदौलत वह यहां तक पहुंच सके।
भुवनेश्वर कुमार
भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar) को स्विंग का शानदार गेंदबाज माना जाता है। वह भारतीय तेज आक्रमण के धुरी हैं, खासकर सीमित ओवरों के क्रिकेट में। हालांकि वह टेस्ट में उपयोगी गेंदबाज हैं, लेकिन इस वक्त टीम इंडिया में क्वालिटी के तेज गेंदबाजों की भरमार होने के कारण वह टेस्ट में टीम के स्थायी सदस्य नहीं रह गए हैं। लेकिन सीमित ओवरों में वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के जान हैं। एक वक्त ऐसा भी था कि आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) के इस स्टार खिलाड़ी के पास अभ्यास करने के लिए जूते खरीदने तक के पैसे नहीं थे।
महेंद्र सिंह धोनी
भारत के पहले और इकलौते कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) हैं, जिनके खाते में आईसीसी टी-20 विश्व कप (ICC T20 World Cup), आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप (ICC ODI World Cup) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (ICC Champions Trophy) तीनों है और वह भारत के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर तथा कप्तानों में से एक माने जाते हैं, लेकिन उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी बहुत अच्छी नहीं थी। उनके पिता मेकन (MECON) रांची में जूनियर मैनेजमेंट पोजिशन पर काम करते थे। यही कारण था कि उनके पिता ने धोनी पर दबाव डाला था कि वह रेलवे में टिकट चेकर की नौकरी स्वीकार कर लें।
रविंद्र जडेजा
रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को इस वक्त विश्व का बेहतरीन स्पिन हरफनमौला माना जाता है। विजडन (Wisden) ने हाल ही में उन्हें दुनिया का दूसरा सर्वकालिक और भारत का पहला बहुमूल्य खिलाड़ी बताया है। यानी ऐसा खिलाड़ी जो किसी मैच पर सर्वाधिक सकारात्मक असर डाल सकता है। इसका कारण यह है कि वह न सिर्फ बल्ले और गेंद से, बल्कि क्षेत्ररक्षण के क्षेत्र में भी बेहतरीन हैं और इस लिहाज से भी कई बार अपनी टीम के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन कर डालते हैं। लेकिन उनकी यह यात्रा आसान नहीं रही। उनके पिता वॉचमैन थे और मां किशोरावस्था में ही चल गई थी।
पृथ्वी शॉ
अंडर-19 विश्व कप (ICC U-19 World Cup) विजेता टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे ऐसे क्रिकेटर हैं, जिसने इतनी कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट में सैकड़ा जड़ा। इतना ही नहीं दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के आईपीएल में खेलने वाले इस क्रिकेटर को भविष्य का सबसे चमकता सितारा बताया जा रहा है। इनकी बल्लेबाजी तकनीक शानदार है। लेकिन यहां तक पहुंचने में उन्हें कई परेशानियों से गुजरना पड़ा। जब वह महज चार साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया। वह अपने पिता के साथ रोजाना 70 किलोमीटर की यात्रा कर अभ्यास के लिए जाते थे। यह उनके पिता के त्याग का ही परिणाम है कि वह आज यहां तक पहुंचे हैं।