scriptIndependence Day 2022: क्रिकेट के वो खास पल, जिन्होंने फैन्स को रोने पर कर दिया मजबूर | Achievements of India cricket team after independence Golden moments of sports Azadi ka amrit mahotsav | Patrika News

Independence Day 2022: क्रिकेट के वो खास पल, जिन्होंने फैन्स को रोने पर कर दिया मजबूर

locationनई दिल्लीPublished: Aug 14, 2022 10:21:49 am

Submitted by:

Siddharth Rai

Azadi ka Amrit mahotsav: भारत अपनी आज़ादी का 75 साल मना रहा है। इस दौरान भारत ने अगर किसी खेल में तेजी से तरक्की की है तो वह क्रिकेट है। भारत आज क्रिकेट का सुपरपावर है। तो आइए इस मौके पर क्रिकेट के कुछ खास पलों को याद करते हैं।

0.jpg

75th Independence Day: देश की आज़ादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर ‘आजादी का अमृत’ महोत्सव मनाया जा रहा है। आज़ादी के बाद से भारत की तरक्की में खेलों का अपना योगदान रहा है। इसमें क्रिकेट का योगदान सबसे ज्यादा है। आज भारत क्रिकेट का सुपरपावर है। देश की टी20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में दुनिया का हर बड़ा खिलाड़ी खेलना चाहता है। सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ियों को आज पूरा विश्व जनता है। तो आइए इस मौके पर उन पलों को याद करते हैं जिनकी वजह से भारत को क्रिकेट का सुपरपावर कहा जाता है।

इंग्लैंड में पहली सीरीज जीती –
भारत ने 1971 में पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी। ये वह दौर थे जब भारत मुश्किल से एक मैच जीतता था। यह सीरीज अजित वाडेकर की कप्तानी में भारत ने जीती थी। 3 मैचों की इस सीरीज पर भारत ने 1-0 से कब्जा जमाया था। इंग्लैंड की सरजमीं पर सीरीज़ जीतना मामूली बात नहीं है। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।

कपिल देव का शतक –
भारत के महान ऑलराउंडर कपिल देव ने 1983 वर्ल्ड कप में जिम्बाब्वे के खिलाफ करो या मरो मुकाबले में 175 रनों की पारी खेली थी। यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास का वनडे में पहला शतक था। यह उस समय वनडे फॉर्मेट में किसी भी बल्लेबाज की सबसे बड़ी पारी थी। कपिल देव ने 138 गेंदों में नाबाद 175 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी। उन्होंने अपनी पारी में 16 चौके और 6 सिक्स जड़े थे। भारत ने यह मैच 31 रनों से जीता था।

यह भी पढ़ें

पुजारा की आतिशी बल्लेबाज, एक ओवर में 22 रन जड़ते हुए लगाया तूफानी शतक

1983 का वर्ल्ड कप –
यह भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सुनहरे पलों में से एक है। कपिल देव की अगुवाई में भारत ने 1983 में इंग्लैंड में वर्ल्डकप जीता था। नौसिखिया टीम के तौर पर इंग्लैंड पहुंची टीम इंडिया ने फाइनल में वेस्टइंडीज़ को मात दी थी। फाइनल मुकाबले में कपिल देव ने विवियन रिचर्ड्स का जो कैच पकड़ा वह ऐतिहासिक रहा। आज भी उस कैच की चर्चा होती है।

शारजाह कप में सचिन तेंदुलकर की पारी –
साल 1998 के शारजाह कप में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 143 रनों की जो पारी खेली, उसे डेजर्ट स्टोर्म कहा गय। ये एक ऐसी पारी थी जिसने हर क्रिकेट फैन्स के रौंगटे खड़े कर दिए थे। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई इस पारी को वनडे इतिहास की सबसे बेहतरीन पारी में से एक माना जाता है। तब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट का सुपरपवार था। उसकी गेंदबाजी के सामने अच्छे-अच्छे बल्लेबाज तिक नहीं पाते थे।

2003 वर्ल्ड कप फ़ाइनल –
यह वो दौर था जब भारतीय टीम फिक्सिंग विवाद के बाद उभर रही थी। ऐसे में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने 2003 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया और फ़ाइनल में जगह बनाई। हालांकि फ़ाइनल में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा। भारत उस फाइनल को 125 रनों से हारा था।

पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता –
2007 के आखिर में भारतीय टीम ने एक बार फिर इतिहास रचा दिया, युवा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारत ने पहला टी-20 वर्ल्डकप जीता। एस। श्रीसंत ने जब मिस्बाह उल हक का कैच लपका, तब पूरे देश की सांसें थमी थीं। वो कैच लपका गया और भारत ने अपने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को मातकर पहला टी-20 वर्ल्डकप जीत लिया।

यह भी पढ़ें

आज़ादी के बाद दुनिया के कोने-कोने में भारत का नाम रोशन करने वाले दिग्गज खिलाड़ी

युवराज के 6 सिक्स –
पहले टी-20 विश्वकप के सुपर 8 स्टेज में भारत और इंग्लैंड आमने-सामने थे। इस मैच के दौरान स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में युवराज सिंह ने छह सिक्स लगाए थे। उन्होंने केवल 12 गेंदों में अपना 50 पूरा कर लिया था और 16 गेंदों में 58 रन बनाकर आउट हुए। स्टुअर्ट ब्रॉड टी 20 क्रिकेट इतिहास में एकमात्र गेंदबाज बन गए जिसके एक ओवर में 6 सिक्स लगे हो।

2011 वर्ल्ड कप जीत –
यह भारत के लिए एक बड़ा ऐतिहासिक पल था। भारत ने 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप जीता। मुंबई के वानखेड़े मैदान में महेंद्र सिंह धोनी ने विनिंग सिक्स लगाकर भारत को वर्ल्डकप जिताया। यह सचिन तेंदुलकर का आखिरी क्रिकेट वर्ल्डकप था।

सचिन का 100वां शतक –
सचिन तेंदुलकर के 100वें इंटरनेशनल शतक के बारे में बात वास्तव में 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल के दौरान ही शुरू हुई थी। हालांकि 2012 में एशिया कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ सचिन का यह सपना साकार हुआ। इस मैच के दौरान शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए।

चैम्पियंस ट्रॉफी-
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन इंग्लैंड में हुआ। भारत और इंग्लैंड ने फाइनल में जगह बनाई। बारिश की वजह से मैच को 20 ओवर का कर दिया गया। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 20 ओवर में सिर्फ 129 रन बना पाई। जवाब में इंग्लैंड की टीम सिर्फ 124 रन बना सकी और भारत ने 5 रन से खिताब जीत लिया।

रोहित शर्मा की 264 रनों की पारी –
रोहित शर्मा हमेशा एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर रहे हैं। 2013 तक उन्हें कई अवसर दिए गए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी क्षमता साबित नहीं की। लेकिन साल 2014 में श्रीलंका के खिलाफ जब रोहित शर्मा का बल्ला गरजा तो दुनिया हैरान रह गई।इस मैच के दौरान रोहित ने 264 रनों की सर्वोच्च वनडे पारी खेलकर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। रोहित उस समय ओडीआई क्रिकेट में दो डबल शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज बने, हालंकि वह 3 साल बाद 208 रन बनाकर तीन दोहरा शतक लगाने वाले भी एकमात्र बल्लेबाज बने।

अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में भारत का कमबैक-
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ साल 2020 में एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट में 36 रन पर ऑलआउट होने के बाद कई क्रिकेट दिग्ग्जों ने टीम इंडिया की शर्मनाक सीरीज हार की भविष्यवाणी की थी। लेकिन विराट कोहली की गैरमौजूदगी में अजिंक्य रहाणे के नेतृत्व वाली युवा भारतीय टीम ने शानदार वापसी कर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत हासिल की। 19 जनवरी, 2021 को जब ब्रिस्बेन के गाबा मैदान पर 23 साल के ऋषभ पंत ने बॉल को बाउंड्री की तरफ पहुंचाया, उस वक्त कमेंट्री कर रहे विवेक राज़दान के मुंह से जो शब्द निकले वो इतिहास थे। 19 जनवरी, 2022 आ गया है और ये शब्द तब से अबतक अनंत बार दुनिया में गूंज चुके हैं। शायद जो कहानी थी, वो इससे बेहतरीन शब्दों में बयां नहीं की जा सकती थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो