अफगानिस्तान ने की थी कड़ी ट्रेनिंग
ट्रॉट ने कहा, “हम बहुत निराश हैं। हमने खुद को इस मैच के लिए तैयार किया था और कड़ी ट्रेनिंग की थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने को लेकर हम बहुत उत्साहित थे, लेकिन मौसम ने हमें मौका नहीं दिया।” उन्होंने यह भी बताया कि मैच से पहले टीम ने पिच पर अभ्यास किया था और सभी खिलाड़ी खेल को लेकर काफी उत्साहित हो गए थे। उन्होंने कहा, “हमने पिच पर अभ्यास किया था और खिलाड़ियों की खेल के प्रति रुचि और बढ़ रही थी। इस तरह मैच का रद्द होना बहुत दुखद है।” ट्रॉट ने उम्मीद जताई कि ग्रेटर नोएडा में रद्द हुए इस मैच से मैदान और ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के लिए सबक लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह एक सीखने वाला मामला बनेगा कि टेस्ट मैच के लिए हर चीज पहले से तैयार होनी चाहिए, चाहे वह ड्रेनेज सिस्टम हो या मैदान की देखभाल।” ट्रॉट ने कहा कि वह चाहते हैं कि अफगानिस्तान की टीम टेस्ट क्रिकेट में भी उसी तरह विकास करे जैसे उसने सफेद गेंद के क्रिकेट में किया है। उन्होंने कहा, “मेरा काम है कि खिलाड़ियों को इस प्रारूप में आगे बढ़ने और सफल होने का मौका मिले।” उन्होंने आगे कहा, “हमने सफेद गेंद क्रिकेट में टीम में पिछले दो साल में तरक्की देखी है। मैं इस तरक्की को रेड बॉल क्रिकेट में भी देखना चाहता हूं। अफगानिस्तान टीम में टेस्ट क्रिकेट के लिए भी उतना ही जुनून देखना चाहता हूं। यह सब हो सकता है। लेकिन ऐसी चीजें थोड़ा समय लेती हैं और बहुत प्रयास की जरूरत होती है। जब अब जमीनी स्तर पर काम करते हैं तो आगे इसका फायदा नजर आता है।”
कोच ने कहा कि अभी अफगानिस्तान टीम ने ज्यादा रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेला है, जहां सुविधाओं को लेकर भी थोड़े मुद्दे हो सकते हैं। खिलाड़ी टेस्ट खेलना चाहते हैं और उनमें इसके लिए जुनून है। इस पैशन का इस्तेमाल खेल में खिलाड़ी के खेलने की काबिलित को बढ़ावा देने पर करना है। लेकिन दुनिया में सफेद गेंद क्रिकेट के बोलबाले के बीच रेड बॉल क्रिकेट चुनौतियां का सामना कर रहा है।