तब दिवार ने खेली थी स्पेशल पारी-
एडिलेड में जब 2003 में भारतीय टीम ऐसे ही संकट में घिड़ी थी तो राहुल द्रविड़ ने अपने बल्ले से ऐसी मैराथॉन पारी खेली थी की विरोधी ऑस्ट्रेलिया की टीम बंगले झांकने लगी थी । तब द्रविड़ का साथ वेरी वेरी स्पेशल लक्ष्मण ने दिया था । जहां द्रविड़ ने पहली पारी में 233 रन बनाये थे वही लक्ष्मण ने 148 रनों की शानदार पारी खेली थी । इन दोनों के अलावा भारतीय टीम का कोई और बल्लेबाज अर्धशतक भी नहीं लगा पाया था । सचिन,सहवाग और गांगुली जैसे भारत के स्टार बल्लेबाजों में केवल सहवाग ने ही दोनों पारियों में 47 रनों की पारी खेली थी । द्रविड़ और लक्ष्मण के शानदार शतकों के बदौलत भारतीय टीम ने यह मैच चार विकटों से जीत लिया था ।
कप्तान कोहली सस्ते में निपटे-
भारतीय टीम की बल्लेबाजी के दौरान एक तरफ विकेटों का पतझड़ दिखा तो दूसरी तरफ पुजारा दीवार से खड़े नजर आए और उन्होंने शानदार शतक जड़कर अपने करियर का 16वां शतक भी पूरा किया और भारत का स्कोर 226 पर पहुंचा दिया। एक समय भारत ने पहले सत्र में 41 रनों पर ही अपने चार विकेट खो दिए थे। यहां से 11 महीनों बाद टेस्ट में वापसी कर रहे रोहित (37) और पुजारा ने टीम को थोड़ी देर तक संभाले रखा। अपनी बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने 2003 में इसी मैदान में खेले गए मैच की याद दिला दी जब द्रविड़ ने अपने बल्ले से ऑस्ट्रेलिया की मुँह से जीत चीन ली थी ।इस सीरीज से पहले कोहली की बल्लेबाजी को लेकर काफी सकारात्मक बातें कहीं गई थी। लेकिन यह दिग्गज बल्लेबाज पहली पारी में सिर्फ तीन रन ही बना सका। 19 के कुल स्कोर पर कमिंस की गेंद पर उस्मान ख्वाजा ने उनका बेहतरीन कैच पकड़ा।