इस सीरीज का सिडनी टेस्ट विवादों में रहा था। इस मैच में टीम के तेज गेंदबाज मोहम्म सिराज को नस्लीय टिप्पणी का सामना करना पड़ा था। तब टीम के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने आगे आते हुए अंपायर से आपत्ति दर्ज़ कराई थी। हालांकि इसपर अंपायर ने उन्हें मैदान से बाहर जाने का विकल्प दिया। अंपायर के इस सुझाव से रहाणे नाराज़ हो गए और कहा कि हम यहां बैठने के लिये नहीं आये।
अजिंक्य रहाणे ने 'बंदे में था दम' डॉक्यूमेंट्री लॉन्च के मौके पर कहा कि जब चौथे दिन दर्शकों ने भारतीय खिलाड़ियों पर हमला जारी रखा तब मोहम्मद सिराज मेरे पास आया, तो मैंने अंपायर्स से कहा कि जब तक वो इस मामले पर एक्शन नहीं ले लेते तब तक हम नहीं खेलेंगे। अजिंक्य रहाणे ने आगे बताया कि इसपर पायर्स पॉल राइफेल और पॉल विल्सन ने कहा कि आप खेल को रोक नहीं सकते हैं और आप चाहें तो वॉक आउट कर सकते हैं। इसपर रहाणे ने कहा कि हम यहां खेलने के लिए हैं न कि ड्रेसिंग रूम में बैठने के लिए और नस्लीय टिप्पणी वालों को मैदान से बाहर निकालने पर जोर दिया।
रहाणे ने कहा, 'यह महत्वपूर्ण था कि जिस स्थिति से वह गुजरे थे, उसे देखते हुए हम उनका सपोर्ट करे। सिडनी में जो हुआ वह पूरी तरह से गलत था।' स्पिनर रविचन्द्र अश्विन ने सिडनी टेस्ट मैच को लेकर कहा, 'व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि एडिलेड और मेलबर्न उतने बुरे नहीं थे। लेकिन सिडनी में यह लगातार होता रहा है।मैंने भी इसका अनुभव किया है। मुझे नहीं लगता कि इसका किसी खास देश के लोगों के एक विशेष वर्ग से कोई लेना-देना है। मुझे लगता है कि नस्लवाद इसका एक छोर है, जहां लोग मानते हैं कि यह किसी के साथ भेदभाव का एक तरीका है। नस्लवाद ऐसी चीज है जिसकी निंदा करनी चाहिए। हर जगह लोग अलग-अलग आधार पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं, जो सही नहीं है।'
बता दें इस सीरीज के पहले मैच में भारतीय टीम मात्र 36 रन पर ऑलआउट हो गई थी और बुरी तरह मैच हारी थी। इसके बाद टीम के कप्तान विराट कोहली अपनी बेटी के जन्म के चलते देश वापस लौट गए थे और कई खिलाड़ी चोटिल हो गए थे। टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे मुश्किल वक़्त पर टीम को संभाला और दूसरे मैच में बेहतरीन शतक लगाते हुए टीम का हौसला बढ़ाया।
रहाणे के इस शतक से टीम का आत्मविश्वास सातवे आसमान में पहुंच गया और यहां से जीत का सिलसिला शुरू हुआ। लेकिन भारतीय खिलाड़ी लगातार चोटिल होते चले गए और सीरीज के आखिरी मैच में यह नौबत आ गई कि भारत के पास इतने खिलाड़ी भी नहीं थे कि वे अपनी प्लेइंग 11 बना सके। तब नेट गेंदबाजों को टीम में शामिल किया गया और ऋषभ पंत, चेतेश्वर पुजारा और शुभमान गिल की शानदार बल्लेबाजी और मोहम्मद सिराज की शानदार गेंदबाजी की मददा से भारत ने इस सीरीज को 2-1 से अपने नाम कर लिया।