फ्लिंटॉफ से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “कोचिंग एक सपना जरूर है। दो या तीन टीमें हैं जिनका मैच कोच बनना चाहूंगा- इंग्लैंड, लैंकशायर या लैंकशायर अकादमी।”
फ्लिंटॉफ ने कहा, “मैं एक दिन इंग्लैंड का कोच भी बनना चाहूंगा, लेकिन अभी उसका समय नहीं आया है।”
फ्लिंटॉफ ने बताया कि उन्होंने साल 2014 में राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के लिए आवेदन किया था।
फ्लिंटॉफ ने कहा, “कुछ साल पहले मैंने इंग्लैंड का कोच बनने के लिए आवेदन किया था। हम हार रहे थे, मैं ऑफिस में था और मैंने सोचा कि मैं इसके लिए अपना नाम आगे करूंगा।”
उन्होंने बताया, “मैंने इंटरव्यू के लिए एक ई-मेल लिखा, एक महीना बीत गया, लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मैंने कोशिश की और फिर मुझे किसी ने फोन करके बताया कि कोच कोई और बन रहा है।”
फ्लिंटॉफ ने 2009 में क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 79 टेस्ट, 141 वनडे और सात टी-20 मुकाबले खेले हैं।
बहुरूपिया हैं फ्लिंटॉफः
एंड्रयू फ्लिंटॉफ की जिन्दगी बहुरूपिये सी रही है। वे मनमौजी स्वभाव के माने जाते हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत बतौर क्रिकेटर की थी। लगभग दस साल क्रिकेट खेलने के बाद उन्होंने बॉक्सिंग को करियर बना लिया। यहां भी उनका मन नहीं भरा तो वे टीवी प्रेजेंटर बन गए।