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सीओए के एक कदम से बीसीसीआई में फिर रार की तैयारी

Published: Aug 05, 2017 05:09:00 pm

Submitted by:

Kuldeep

सीओए ने बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी के बजाय गेम्स डेवलपमेंट मैनेजर और चीफ फाइनेंस ऑफिसर को चेक हस्ताक्षर के अधिकार दे दिए।

BCCI COA

COA Members

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट में सुधार की सिफारिशें लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई प्रशासकों की समिति (सीओए) आएदिन नए-नए प्रकार के निर्णय ले रही है। अब सीओए ने एक ऐसा निर्णय लिया है, जो शायद इससे पहले भारतीय क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं हुआ। 
सीओए ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सभी तरह के फाइनेंस के मुख्य कर्ता-धर्ता यानि कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी को ही अलग करते हुए गेम्स डेवलपमेंट मैनेजर प्रो. रत्नाकर शेट्टी और चीफ फाइनेंस ऑफिसर संतोष रगनेकर को हस्ताक्षर के अधिकार दे दिए। ऐसा किया गया, 13 पूर्व क्रिकेटरों में से हर एक को वन टाइम बैनेफिट प्लान के तहत मिलने वाली 35 लाख रुपए की रकम के चेक को जारी कराने के लिए। ऐसा करते हुए सीओए ने बीसीसीआई के समानांतर ढांचा करने की शुरुआत कर दी है। ये सभी वे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने वर्ष 1970 के बाद 1 से लेकर 9 टेस्ट मैच तक देश के लिए खेले हैं।
कोषाध्यक्ष चाहते थे नियमों का पालन कराना
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल बीसीसीआई के पदाधिकारी लगातार पेमेंट से जुड़े मामलों पर सीओए के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। खासतौर पर कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी इन 13 खिलाडिय़ों के चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि भले ही ये पैसा देने की घोषणा सीओए ने कर दी हो, लेकिन बीसीसीआई के संविधान के अनुसार, इसके लिए जनरल बॉडी में प्रस्ताव लाकर उस पर सहमति की मुहर लगाना आवश्यक है। ऐसे में सीओए ने अपनी घोषणा को पूरा कराने के लिए बीच का रास्ता निकालकर शेट्टी और रगनेकर से हस्ताक्षर कराते हुए चेक जारी करने की तैयारी कर ली है। इस पर अन्य बोर्ड अधिकारियों ने सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। 
बीसीसीआई सचिव ने किया था वादा
हालांकि इस मामले में एक मुद्दा ये भी है कि बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने जून माह में वन टाइम बैनेफिट को लेकर हुए इस निर्णय को 26 जून की विशेष आम बैठक में रखकर पारित कराने का वादा सीओए से किया था। लेकिन उस बैठक में लोढा कमेटी की सिफारिशों पर चर्चा के बीच ये मुद्दा उठ ही नहीं पाया।
नया नहीं है पेमेंट पर टकराव
बीसीसीआई और सीओए के बीच पेमेंट को लेकर टकराव नया नहीं है। इससे पहले भी ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज हराने के बाद टीम इंडिया को प्रोत्साहन राशि देने के मामले में सीओए ने जो घोषणा की थी, बीसीसीआई की जनरल बॉडी ने उसे दोगुना कर दिया था। इसके बाद महिला टीम इंडिया को वन टाइम बैनेफिट देने की सीओए की घोषणा पर बीसीसीआई तैयार नहीं था। हालांकि बाद में दोनों ही मामलों में चेक पर हस्ताक्षर कोषाध्यक्ष ने ही किए थे। लेकिन इस बार कोषाध्यक्ष को ही अलग हटा दिया गया।
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