1998 में धीमी शुरुवात के बाद तेजी पकड़ी सचिन ने
उनके इस साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और उन्होंने शुरूआती 33 इनिंग्स में एक शतक भी नहीं बनाया था। सारजाह कप से केवल 10 दिन पहले ही उन्होंने शतक जमाया था। शायद यह तूफान आने से पहले की शांति थी। 1998 में होने वाले सारजाह कप में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और भारत की टीम हिस्सा ले रही थी। ऑस्ट्रेलिया अभी हाल ही में इंडिया को त्रिकोणीय सीरीज में मात दे चुकी थी और सारजाह में लीग के तीनो मैच जीतकर भारत पर दबदबा बनाना चाहती थी। उनका भारत के खिलाफ आखिरी लीग गेम, फाइनल के लिए तैयारी थी जोकि दो दिनों बाद होना था। भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत या फिर कम रनों की हार भी भारत के लिए काम कर सकती थी।
वर्चुअल सेमीफाइनल में भारत को 272 का लक्ष्य
22 अप्रैल 1998 में हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 284 रन बनाए, माइकेल बेवन ने इस मैच में 101 की नाबाद पारी खेली थी। इस मैच में भारतीय गेंदबाज वेंकेटेश प्रसाद ने दो विकेट झटके थे। इस मैच में बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सारजाह में रेत के तूफान का सामना करना पड़ा और मैच को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। जब मैच रुका तब भारत को बचे हुए 21 ओवरों में 156 रनों की दरकार थी और भारत चार विकेट खो चूका था। मैच जब 25 मिनट बाद दोबारा शुरू हुआ तो मैच को 46 ओवरों का कर दिया गया था। भारत को फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए 15 ओवरों में 94 रनों की दरकार थी और मैच जीतने के लिए उतने ही ओवरों में 133 रन बनाने थे।
‘डेजर्ट स्टॉर्म’ में उड़ा ऑस्ट्रेलिया
रेत का तूफान थमा था कि ऑस्ट्रेलिया को सचिन के तूफान ने झकझोर दिया। सचिन ने सारे ही ऑस्ट्रेलिआई गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाना शुरू कर दिया जिसमे शेन वार्न, टॉम मूडी और कास्प्रोविक शामिल थे । इस तूफानी पारी में सचिन का साथ वी वी एस लक्ष्मण ने बखूबी दिया था। लक्ष्मण लगातार तेंदुलकर को स्ट्राइक देते रहे। आखिरी सात ओवरों में फाइनल में जगह बनाने के लिए प्रति बॉल एक रन से भी कम की दरकार थी। जब टीम को 29 गेंदों में 18 रनों की दरकार थी सचिन ने स्टीव वॉ की गेंद को मिड विकेट बाउंड्री की तरफ उठा कर मारा जिसे डेमियन मार्टिन ने लपक लिया। सचिन 131 गेंदों पर 143 के स्कोर पर आउट हुए थे। जिसमे उन्होंने 5 छक्के और 9 चौके जेड थे। सच्ची की पारी की वजह से भारत ने फाइनल में प्रवेश कर लिया था। हलाकि ऑस्ट्रेलिया यह मैच 26 रनों से जीत गया था।
बर्थ-डे बॉय सचिन ने शतक जड़ सारजाह कप पर जमाया कब्जा
24 अप्रैल को हुए फाइनल मुकाबले में भी पिछले मैच की ही तरह ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 272 रनों का टारगेट सेट किया। इस मैच में कोई भी रिवाइज्ड टारगेट नहीं था, यह तो 272 रन बनाकर ट्रॉफी घर ले जाओ या फिर ऑस्ट्रेलिया के हाथों लगातार दूसरा फाइनल हारो। बर्थ-डे बॉय सचिन ने इस मैच में भी भारत के लिए शानदार पारी खेली और 131 गेंदों में 134 रन थोक डाले। सचिन की इस शानदार पारी की मदद से भारत नौ बाल रहते 6 विकेट से मैच जीत लिया। सचिन मैन ऑफ द मैच रहे थे साथ ही भारत सारजाह कप का विजेता था। सचिन का पाने 25वें जन्मदिन पर यह 31वां शतक था। सचिन को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया था जिसके लिए उन्हें ओपल ऐस्ट्रा कार मिली थी।