नाडकर्णी ने भारत की ओर से 41 टेस्ट मैच की 65 पारियों में कुल 88 विकेट लिए हैं। वहीं 67 पारयों में बल्लेबाजी कर 25.71 की औसत से 1414 रन बनाए हैं। बापू के नाम एक शतक और सात अर्धशतक भी है। वहीं गेंदबाजी में उन्होंने एक पारी में एक बार 10 से अधिक विकेट और चार बार पांच से अधिक विकेट लिए हैं। वहीं 191 प्रथम श्रेणी मैचों में 500 विकेट लिए और 8,880 रन बनाए हैं। नाडकर्णी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दिल्ली में 1955 में टेस्ट क्रिकेट का आगाज किया था और 1968 में इसी टीम के खिलाफ ऑकलैंड में अपना अंतिम टेस्ट खेला था।
किफायती गेंदबाजी के लिए किया जाता है याद
बापू नाडकर्णी ऐसे गेंदबाज थे, जिन्हें रन देने के मामले में काफी कंजूस माना जाता था। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 1966 में मद्रास टेस्ट में लगातार 21 ओवर मेडन फेंके थे। अगर डॉट बॉल की बात करें तो लगातार 131 डॉट गेंदे फेंकी थी। इस टेस्ट पारी में उनकी गेंदबाजी का था विश्लेषण 32 ओवर 27 मेडन और पांच रन, हालांकि इस पारी में उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला था।
बता दें कि टेस्ट क्रिकेट में पहले आठ गेंद का ओवर होता था। बाद में आईसीसी ने इसे छह ओवर का कर दिया। जब से क्रिकेट में एक ओवर में छह गेंदे फेंकी जाने लगीं, उसके बाद से कोई क्रिकेटर ऐसा नहीं कर सका। उनसे पहले 1956-57 में दक्षिण अफ्रीकी ऑफ स्पिनर ह्यू टेफील्ड ने आठ गेंद के ओवर के क्रिकेट में लगातार 137 डॉट गेंद फेंकी थी, हालांकि ओवर के लिहाज से देखें तो आठ गेंद का ओवर होने के कारण उन्होंने लगातार 17 ओवर मेडन ओवर फेंके थे।