करीम की अध्यक्षता वाली समिति ने लिया फैसला-
यह फैसला सबा करीम की अध्यक्षता वाली क्रिकेट ऑपरेशन विंग ने लिया है। चयनकर्ताओं की सैलरी में इजाहा का निर्णय इस कारण से लिया गया क्योंकि विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए का सोचना था कि टीम के चयनकर्ताओं को भी उनकी सेवाओं का फायदा मिलना चाहिए। बता दें कि पूर्व में बाहर किए जा चुके चयन समिति के सदस्य गगन खोड़ा और जतिन परांजपे के बराबर ही वर्तमान सदस्य देवांग गांधी और सरनदीप सिंह को मिलता था।
छह साल बाद की गई बढ़ोतरी-
गौरतलब हो कि आय में लगातार हो रही वृद्धि के बीच सहयोगी स्टाफ लंबे समय में वेतन बढ़ाने की मांग कर रहे थे। बीसीसीआई ने छह साल के बाद सहयोगी स्टाफ के वेतन को बढ़ाया है। वेतन बढ़ोतरी का फायदा चयन समिति के सदस्य, स्कोरर और अंपायरों के साथ-साथ घरेलू मैच रेफरियों, वीडियो विश्लेषकों को भी मिलेगा। इन सब की सैलरी में करीब दोगुना की बढ़ोतरी की गई है।
इतनी हुई है वृद्धि-
वेतन बढ़ोतरी के बाद अब अंपायरों को प्रथम श्रेणी मैच औऱ 50 ओवरों के मैच या तीन दिवसीय मैच में 40,000 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे। इसके लिए पहले उन्हें 20,000 रुपये प्रतिदिन मिलते थे। वहीं टी-20 मैचों के लिए अब 20,000 रुपये दी जाएगी। इसके लिए पहले 10,000 रुपये मिलता था।
रैफरी और स्कोरर को भी फायदा-
मैच रैफरियों को चार दिवसीय, तीन दिवसीय और वनडे मैच के लिए 30,000 रुपये जबकि टी-20 मैचों के लिए 15,000 रुपये मिलेंगे। स्कोरर को अब मैच के दिन 10,000 रुपये जबकि टी-20 मैचों में 5,000 रुपये मिलेंगे। वहीं वीडियो विश्लेषकों को टी-20 मैचों के लिए 7,500 रुपये जबकि अन्य मैचों के लिए 15,000 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे।