
गौतम गंभीर । फोटो ANI
न्यूजीलैंड के खिलाफ घर में टेस्ट सीरीज 3-0 से हारने के बाद लगातार भारतीय टीम की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। कई दिग्गजों ने टीम इंडिया में हो रहे प्रयोगों पर सवाल खड़े किए हैं, जिसके चलते टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर सीधे निशाने पर हैं। बता दें कि राहुल द्रविड़ के बाद पदभार संभालने के बाद से गौतम गंभीर के कार्यकाल में भारत ने अभी तक कुल पांच में से तीन सीरीज जीती हैं और दो हारी हैं। भारत की सबसे बड़ी हार न्यूजीलैंड के खिलाफ हुई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गौतम गंभीर का कार्यकाल छोटा हो सकता है। उन्हें या तो पद छोड़ना पड़ेगा या उन्हें हटाया जा सकता है। ये सब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में टीम इंडिया के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।
बता दें कि गौतम गंभीर का भारतीय टीम के साथ हेड कोच का कार्यकाल श्रीलंका के खिलाफ टी20 में 3-0 से जीत के साथ शुरू हुआ था। इसके तुरंत बाद ही भारत को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज में पहली हार का सामना करना पड़ा। जल्द ही चीजें पटरी पर आईं और फिर बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज 2-0 और टी20 सीरीज में 3-0 से जीती।
हालांकि, अब जो हुआ है, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था कि लगातार 18 सीरीज जीतने वाली भारतीय टीम को न्यूजीलैंड की टीम घर में आकर 3-0 से हरा देगी। वह भी बिना स्टार खिलाड़ी केन विलियमसन के, जो किसी भी टेस्ट में नहीं खेले। इस सीरीज में टीम इंडिया की बल्लेबाजी से लेकर हर एक विभाग कमजोर साबित हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई के टर्निंग ट्रैक पर गौतम गंभीर के फैसले बीसीसीआई में कुछ लोगों को पसंद नहीं आए। खासकर तब जब न्यूजीलैंड ने पहले ही पुणे के स्पिन ट्रैक पर भारत को हराकर सीरीज अपने नाम कर ली थी। गंभीर के कुछ फैसले हैरान करने वाले रहे। आइये एक नजर डालते हैं उनके कुछ अजीब फैसलों पर-
- पिचें सूखी होने के बावजूद पुणे और मुंबई दोनों में दो तेज गेंदबाजों को खिलाना।
- तीसरे टेस्ट में सरफराज खान की जगह मोहम्मद सिराज को नाइटवॉचमैन के रूप में भेजना।
- लेफ्ट-राईट काम्बिनेशन के लिए रवींद्र जडेजा को सरफराज से ऊपर भेजना।
- वाशिंगटन सुंदर को कम से कम एक बार रविचंद्रन अश्विन के ऊपर प्रमोट किया जा सकता था, लेकिन उन्हें तीन बार 9वें नंबर पर उतारा गया। सुंदर ने 44.5 की औसत से 89 रन बनाए, जबकि अश्विन ने एक टेस्ट कम खेलते हुए 8.5 की औसत से सिर्फ 51 रन बनाए।
- गंभीर ने कोलकाता नाइट राइडर्स में हर्षित को करीब से देखा है और निश्चित रूप से उन पर भरोसा है, लेकिन फिर उन्हें भारत ए के ऑस्ट्रेलिया ए दौरे के लिए क्यों नहीं भेजा गया?
Updated on:
05 Jul 2025 01:56 pm
Published on:
04 Nov 2024 11:17 am
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