BCCI अध्यक्ष Sourav Ganguly का कार्यकाल खत्म, जानें अब क्या होगा
BCCI President के तौर पर कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी Sourav Ganguly अपने पद पर बने हुए हैं। BCCI ने सुप्रीम कोर्ट से कूलिंग ऑफ पीरियड में संशोधन की मांग की है।

नई दिल्ली : टीम इंडिया (Team India) के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का कार्यकाल बतौर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड अध्यक्ष (BCCI President) रविवार 26 जुलाई को समाप्त हो गया है। इसके बावजूद वह अपने पद पर जमे हुए हैं। बता दें कि लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों के आधार पर बीसीसीआई (BCCI) के बने नए कानून के तहत अब उन्हें कूलिंग ऑफ पीरियड (Cooling of period) पर जाना होगा यानी बोर्ड से तीन साल के ब्रेक पर जाना होगा। इसके बाद ही वह बीसीसीआई या किसी राज्य क्रिकेट संघ या फिर बीसीसीआइ में प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
आईसीसी अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश करने की चर्चा
बीसीसीआई और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) का कानून हालांकि कूलिंग पीरियड में आईसीसी में कोई पद लेने से प्रतिबंधित नहीं करता। ऐसे में यह भी चर्चा है कि वह आईसीसी में जा सकते हैं। हाल ही में आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर (ICC Chairman Shashank Manohar) ने इस्तीफा दिया है। गांगुली इस पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें बीसीसीआई से मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा चुनाव जीतकर इस पद पर पहुंचने के लिए उन्हें अन्य देश के क्रिकेट बोर्डों का समर्थन मिलना भी जरूरी है।
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कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी बने हुए हैं पद पर
बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी दादा अभी अपने पद पर बने हुए हैं। इसका कारण यह माना जा रहा है कि बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कूलिंग ऑफ पीरियड नियम में संशोधन की मांग की है। बोर्ड की इस अपील पर अदालत 17 अगस्त को सुनवाई करेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि गांगुली अदालत के अगले आदेश तक बोर्ड अध्यक्ष के अपने पद पर बने रहेंगे। बता दें कि सिर्फ गांगुली का ही नहीं, बल्कि बोर्ड के सचिव जय शाह (Jay Shah) का कार्यकाल भी मई में समाप्त हो गया है, लेकिन वह भी अपने पद पर फिलहाल जमे हुए हैं, जबकि संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज (Jayesh George) का कार्यकाल अगस्त में समाप्त हो रहा है। इन सबकी निगाहें सर्वोच्च अदालत के निर्णय पर टिकी है।
ये है वर्तमान नियम
बोर्ड के मौजूदा नियम के अनुसार, कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद पदाधिकारी स्वत: अयोग्य हो जाते हैं, लेकिन सौरव गांगुली और इन दो पदाधिकारियों के मामले में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इसी संबंध में बोर्ड की याचिका अदालत में पड़ी है। वैसे बता दें कि नियमत: 26 जुलाई को बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली का कार्यकाल समाप्त होना था, क्योंकि 27 जुलाई 2014 को उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) में सचिव का पद संभाला था। इसके अगले साल सितंबर 2015 में वह बंगाल राज्य निकाय के अध्यक्ष और अक्टूबर 2019 में बीसीसीआई के अध्यक्ष बने थे।
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45 दिन में भरना होता है खाली पद
ये अधिकारी कब तक अपने पद पर बने रहेंगे, बीसीसीआई ने अब तक इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। वहीं नियम यह कहता है कि कार्यकाल पूरा होने पर पदाधिकारी को अपना पद छोड़ना होता है और 45 दिनों के भीतर इस पद को चुनाव के जरिये भरना होता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में जय शाह और सौरव गांगुली के पक्ष में दो बातें जा रही है। पहला यह कि अदालत में कूलिंग ऑफ पीरियड में संशोधन की मांग को लेकर बोर्ड की ओर से दायर याचिका खारिज नहीं हुई है। दूसरा यह कि ये पद सिर्फ चुनाव से ही भरे जा सकते हैं और जब तक लॉकडाउन (Lockdown in india) पूरी तरह खत्म नहीं होता, चुनाव करवाना मुश्किल ही है।
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