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बर्थडे स्पेशल : इस ऑलराउंडर को जानते हैं, जिसने बनाया था भारत का पहला शतक

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7 years ago
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पहले टेस्ट में ही शतक बनाने वाले पहले भारतीय भी थे नानिक अमरनाथ भारद्वाज उर्फ लाला अमरनाथ ने लाहौर में क्रिकेट खेलना सीखा। उन्हें भारत के पहले इंग्लैंड दौरे में नहीं चुना गया था, जहां भारतीय टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। लेकिन उनकी प्रतिभा देखकर उन्हें 15 दिसंबर, 1933 को बंबई (अब मुंबई) के साउथ जिमखाना मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ ही देश की पहली घरेलू टेस्ट सीरीज के पहले टेस्ट मैच से करियर शुरू करने का मौका दिया गया। लाला अमरनाथ ने इसी टेस्ट की दूसरी पारी में 118 रन बनाकर टीम को पारी की हार से बचाया था। ये भारत के लिए किसी बल्लेबाज का पहला टेस्ट शतक भी था और पहले ही टेस्ट में शतक बनाने वाले वे पहले भारतीय भी बने थे।
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महिलाएं हो गई थीं उनकी फैन भारत ने इस टेस्ट की पहली पारी में 219 रन बनाए थे, जिसमें सर्वाधिक 38 रन लाला के ही थे। इंग्लैंड ने 438 रन बनाकर भारत पर बड़ी लीड हासिल कर ली। दूसरी पारी में लाला अमरनाथ के शतक के बावजूद भारतीय टीम इंग्लैंड को 40 रन का ही लक्ष्य दे सकी और 9 विकेट से टेस्ट मैच हार गई, लेकिन लाला की पारी का जलवा ऐसा था कि जब वे आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे तो दर्शकों में बैठी महिलाओं ने उन पर तोहफे के रूप में अपने जेवरात तक फेंक दिए थे।
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दाएं पांव से करते थे अजीबोगरीब गेंदबाजी लाला अमरनाथ दाएं हाथ से मध्यम तेज गति के गेंदबाज भी थे। हालांकि गेंदबाज के तौर पर उनकी उपलब्धियांं बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन उनकी गेंदबाजी अपनेआप में देखने लायक होती थी। इसका कारण होता था गेंदबाजी करते हुए अधिकतर गेंदों पर उनका दायां पांव क्रीज में आगे आना। बता दें कि किसी भी सामान्य गेंदबाज का हमेशा बायां पैर ही आगे रहता है। अपने इसी अजीबोगरीब एक्शन से वे बल्लेबाज को हैरान कर दिया करते थे।
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डॉन ब्रैडमैन को इकलौते हिटविकेट करने वाले गेंदबाज भले ही गेंदबाज के तौर पर लाला अमरनाथ के खाते में बहुत बड़ी उपलब्धियां नहीं हों, लेकिन एक उपलब्धि ऐसी है जो सभी को हैरान कर सकती है। दरअसल अपनी अनोखी गेंदबाजी से लाला अमरनाथ ने एक बार डॉन ब्रैडमैन जैसे महान बल्लेबाज को भी चौंका दिया था और वो अपने करियर में पहली व आखिरी बार हिटविकेट हो गए थे। ये बात वर्ष 1947-48 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन टेस्ट की है। डॉन ब्रैडमैन ने अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों तक उस घटना को याद किया था।
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तीन पीढ़ी खेल चुकी हैं भारतीय क्रिकेट में लाला अमरनाथ की तीन पीढिय़ां भारतीय क्रिकेट में खेल चुकी हैं। इसके चलते अमरनाथ परिवार को भारतीय टेस्ट इतिहास में बेहद सम्मान की नजर से देखा जाता है। उनके बेटे मोहिंदर अमरनाथ को भारतीय क्रिकेट इतिहास के महान ऑलराउंडरों में गिना जाता है। मोहिंदर अमरनाथ के नाम पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 400 से ज्यादा रन बनाकर टेस्ट जीत दिलाने के रिकॉर्ड में अहम पारी दर्ज हुई थी।
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सुरिंदर ने बनाया बाप-बेटे का अनोखा रिकॉर्ड उनके दूसरे बेटे सुरिंदर अमरनाथ ने इंडियन स्कूट टेस्ट टीम की कप्तानी की और बाद में देश के लिए भी कुछ मैच खेले। उन्होंने अपने पहले ही टेस्ट मैच में अपने पिता की तरह शतक लगाकर बाप-बेटे के डेब्यू शतक का ऐसा रिकॉर्ड बनाया, जो भारत के लिए इकलौता और दुनिया का सिर्फ 10वां उदाहरण है। लाला के तीसरे बेटे राजिंदर अमरनाथ रणजी ट्रॉफी तक ही रह गए। हालांकि राजिंदर का प्रदर्शन भी घरेलू मैचों में बहुत शानदार था। सुरिंदर अमरनाथ के बेटे दिग्विजय ने भी क्रिकेट की पिच पर अपना डेब्यू कर लिया है। दिग्विजय ने श्रीलंका के प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कुछ मैच खेले हैं।
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ये रिकॉर्ड भी दर्ज हैं लाला के नाम पर 01 पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें कप्तान से विवाद होने पर विदेशी दौरे से वापस भेजा गया। 1935 के इंग्लैंड दौरे से महाराजा ऑफ विजयनगर उर्फ विजी ने उन्हें वापस भेज दिया था। 01 पहले भारतीय कप्तान थे भारत के आजाद होने पर खेले गए पहले टेस्ट मैच की टीम के। 1952 में पाकिस्तान के खिलाफ मिली भारतीय टेस्ट इतिहास की पहली सीरीज जीत में भी कप्तान रहे।
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लाला अमरनाथ के बेटे मोहिंदर को सबसे ज्यादा चर्चा भारत की विश्व कप-1983 जीत में सेमीफाइनल व फाइनल में जबरदस्त गेंदबाजी के लिए होती है। मोहिंदर के नाम पर क्रिकेट में दो बार असामान्य तरीके से आउट होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। एक बार वे हैंडल्ड द बॉल आउट हुए, जबकि दूसरी बार उन्हें ऑब्स्ट्रक्शन द फील्ड नियम में आउट दिया गया।
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