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वर्ल्ड कप की रेस से बाहर नहीं हुए हैं अश्विन-जडेजा, जानें क्या कहा गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने

locationनई दिल्लीPublished: Feb 10, 2018 09:57:02 am

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरूण का कहना है कि आर अश्विन और रविंद्र जडेजा वर्ल्ड कप 2019 की रेस से बाहर नहीं हुए हैं।

ashwin and jadeja

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा इन दिनों एकदिवसीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पा रहे हैं। वजह है कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल की जोड़ी ने आने के साथ ही जिस तरह का प्रदर्शन दिया, उससे इन दोनों दिग्गजों की जगह बनती नहीं दिख रही। लेकिन इसके बाद भी भारतीय टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण का कहना है कि रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की जोड़ी 2019 में होने वाले विश्व कप की दौड़ से बाहर नहीं हुई है। अरुण का बयान हालांकि टीम के कप्तान विराट कोहली के उस बयान से मेल नहीं खाता जिसमें उन्होंने कहा था की युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की जोड़ी विश्व कप में टीम के लिए तुरुप का इक्का साबित हो सकती है।

क्या कहा भरत अरूण ने…
चहल और कुलदीप ने छह मैचों की मौजूदा सीरीज में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को खासा परेशान कर रखा है। अरुण ने शनिवार को होने वाले सीरीज के चौथे मैच से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम हमारे पास जो मौजूदा प्रतिभा है उस पर ध्यान देना चाहते हैं और उसके बाद हम फैसला लेंगे कि विश्व कप में कौन खेलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि अश्विन और जडेजा रेस से बाहर हो चुके हैं। वे अभी भी टीम में आ सकते हैं।

कुलदीप और चहल की तारीफ –
कुलदीप और चहल की तारीफ करते हुए गेंदबाजी कोच ने कहा कि वे काफी सकारात्मक हैं। गेंद के साथ लड़ने में नहीं डरते हैं। अतिरिक्त स्पिन के लिए जाने से नहीं डरते हैं और न ही विकेट पर निर्भर हैं। अरुण से जब अश्विन और जडेजा के स्थान पर चहल और कुलदीप को लाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह रोटेशन पॉलिसी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि श्रीलंका सीरीज के दौरान, हम खिलाड़ियों को परखना चाहते थे। हमारे पास गेंदबाजों का अच्छा समूह है। आप समझ सकते हैं, हम जितनी क्रिकेट खेल रहे हैं उसके हिसाब से हमें खिलाड़ियों को रोटेट करना पड़ता है ताकि वे हर प्रारूप में तारोताजा रहें। उन्होंने आगे कहा कि इन दो गेंदबाजों ने अपने आप को साबित किया है और हमारा मानना है कि विदेशी जमीन पर फिंगर स्पिनर की अपेक्षा कलाई के स्पिनर ज्यादा असरदार साबित होते हैं।

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