जब ट्रक चलाने को मजबूर हुए थे भज्जी
अपने पिता के इंतकाल के बाद छोटी सी उम्र में हरभजन पर अपने घर को चलाने की जिम्मेदारी आ गई थी। इस कारण वह अपने बनते क्रिकेट करियर को छोड़कर कनाडा जाकर ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने की ठान चुके थे। लेकिन किस्मत को यह मंजूर न हुआ और भज्जी की किस्मत का ताला खुला और उनको भारतीय टीम से खेलने का दोबारा मौका 2001 में मिला जिसको उन्होंने जाने नहीं दिया और इस मौके के चलते उनके हालत सुधर गए। अगर हरभजन को उस समय भारतीय टीम में मौका नहीं मिला होता तो शायद हरभजन कनाडा में ट्रक ड्राइवर होते। आपको बता दें की हरभजन भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में 1998 में अपना डेब्यू कर चुके थे।
2001 के बाद बदली हरभजन की किस्मत
हरभजन सिंह भारत के सबसे सफल ऑफ स्पिन गेंदबाज हैं। क्रिकेट के जानकर भले ही हरभजन के गेंद को कम हवा देने पर सवाल खड़े करे लेकिन वह इसके बिना भी बहुत ही सफल गेंदबाज बने। उन्होंने ऐसे समय में सफलता हासिल की जब बल्ले चौड़े और भारी होने लगे, बाउंड्री छोटी होने लगीं और स्पिन गेंदबाजों के लिए क्रिकेट मुश्किल होने लगा। हरभजन को उनके एक्शन के लिए ICC से नोटिश भी मिला। लेकिन मार्च 2001 में उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में खुद को स्थापित करने आएं हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज में 32 विकेट झटके। इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बने । इस सीरीज में हरभजन के अलावा कोई भी भारतीय गेंदबाज 3 विकेट से ज्यादा नहीं ले पाया था।
हरभजन का करियर STATS
हरभजन सिंह ने अपने करियर में बहुत सफलताएं हासिल की हैं, उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 417 विकेट लिए हैं। एकदिवसिए क्रिकेट में उन्होंने 236 मैचों में 269 विकेट लिए हैं। इसके साथ ही 28 T20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 25 विकेट झटके हैं। आईपीएल के 149 मैचों में उन्होंने 134 विकेट झटके हैं। इसके साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट में 2 शतक भी लगा चुके हैं।