बुमराह ने दिन का खेल खत्म होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, “जब मैं लंच से पहले गेंदबाजी कर रहा था, तो उस समय विकेट धीमी थी और गेंद भी सॉफ्ट हो गया था। लंच से पहले आखिरी गेंद पर रोहित मिडऑफ पर खड़े थे।” बुमराह ने कहा, “रोहित ने मुझसे कहा, ‘ये आखिरी गेंद है, तू धीमी गेंद का इस्तेमाल कर सकता है जैसे कि वनडे में करता है।’ इसलिए मैंने सोचा कि मैं ऐसा कर सकता हूं क्योंकि कुछ नया नहीं हो रहा था। मैंने ऐसा ही करने की कोशिश की। मैं खुश हूं कि हमारी योजना सफल हुई और आखिरी गेंद पर हमें विकेट मिला। मुझे विश्वास है कि जब भी मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा तब मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए मौजूद रहूंगा।”
बुमराह के करियर की इस शानदार गेंदबाजी के चलते भारत ने आस्ट्रेलिया को उसकी पहली पारी में 151 रन पर ढेर कर दिया। भारत ने पहली पारी में सात विकेट पर 443 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी। बुमराह का यह प्रदर्शन आस्ट्रेलिया में किसी भी भारतीय तेज गेंदबाज द्वारा किया गया दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उनसे पहले भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव का नंबर है जिन्होंने 1985 में एडिलेड में 106 रन देकर आठ विकेट लिए थे।