जीत की ओर बढ़ रहे बांग्लादेश पर चाहर ने लगाया ब्रेक
बांग्लादेश 12 ओवर में दो विकेट पर 106 रन बनाकर बड़े आराम की स्थिति में था। उसकी तरफ से मोहम्मद नईम के साथ मोहम्मद मिथुन जमकर खेल रहे थे। यानी उसे अब उसके सामने 48 गेंदों पर 69 रनों का आसान लक्ष्य था और हाथ में विकेट बचे थे आठ। यहां से चाहर ने आकर करिश्मा किया। 13वें ओवर के अंतिम गेंद पर मोहम्मद मिथुन को पैवेलियन भेजा। इसके बाद वह 18वें ओवर की आखिरी गेंद पर शफीउल इस्लाम को आउट कर बांग्लादेश मुश्किलें बढ़ा दी। इसके बाद आखिरी ओवर लेकर आए चाहर ने पहली दो गेंदों पर दो विकेट लेकर बांग्लादेश की पारी का अंत कर दिया। इसके बाद जो हुआ वह तो इतिहास है। टी-20 में वह हैट्रिक लेने वाले न सिर्फ भारत के पहले खिलाड़ी बने, बल्कि इतना शानदार बॉलिंग स्पेल विश्व क्रिकेट में किसी और का नहीं है। दीपक ने 3.2 ओवर में सात रन देकर छह विकेट चटकाए। यह टी-20 में किसी भी गेंदबाज की ओर से किया गया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
दीपक चाहर ने अपने इस मैजिकल स्पेल का पूरा श्रेय कप्तान रोहित शर्मा को दिया। उन्होंने कहा कि रोहित भाई ने कहा था कि वह उन्हें जसप्रीत बुमराह की तरह इस्तेमाल करेंगे। रोहित ने चाहर से कहा कि वह उनसे अहम समय पर गेंदबाजी कराएंगे। इससे उन्हें प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा कि जब दबाव में उन्हें जिम्मेदारी दी जाती है तो वह उन्हें पसंद आता है, क्योंकि तब उन्हें लगता है कि उन पर भरोसा किया जा रहा है। जब कोई उन पर भरोसा नहीं करता तो उन्हें बुरा लगता है। इस नाजुक मोड़ पर कप्तान से मिला यह आत्मविश्वास उनके लिए अच्छा रहा।
बुमराह हैं नंबर एक गेंदबाज
चाहर ने हालांकि रोहित शर्मा की उनकी तुलना जसप्रीत बुमराह से करने को ज्यादा अहमियत नहीं दी। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि बुमराह नंबर एक गेंदबाज हैं। उनसे तुलना होना ही अपने आप में सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि बुमराह कहां हैं और वह कहां हैं। बुमराह टी-20 में नंबर-1 गेंदबाज हैं। उनके पास सबकुछ है, चाहे तेजी की बात हो या फिर नियंत्रण की। वह मेरे लिए नंबर एक गेंदबाज हैं और यह कहने में उन्हें जरा भी शर्म नहीं है। वह बुमराह से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम अपने खेल पर ध्यान देना है और टीम को जिताना उनकी प्राथमिकता।
दीपक चाहर ने कहा कि आईपीएल में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलने का फायदा मिला। इससे उन्हें पता चला कि ओस से कैसे निपटा जाता है। उन्होंने कहा कि चेन्नई में ओस और पसीना काफी होता है। इस स्थिति में उन्होंने गलतियां की और नो बॉल तक फेंकी, लेकिन काफी कुछ सीखा भी। उन्होंने सीखा कि ऐसी स्थिति में कैसे गेंद फेंकनी हैं और कैसे अपने काम को अंजाम देना है। इस दौरान वह टीम इंडिया के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र धोनी को याद करना भी नहीं भूले। उन्होंने कहा कि वह ज्यादा कुछ नहीं कहते हैं और आप जो करना चाहते हो उसका समर्थन करते हैं। अगर उन्हें लगता है तो वह आपको मैच स्थिति के बारे में समझाते हैं और कहते हमेशा यही कहते हैं कि आप पेशेवर हैं और अपना मजबूत तथा कमजोर पक्ष जानते हैं। साथ में यह भी जानते हैं कि ऐसी स्थिति में किस तरह निबटना है।