दो साल के भीतर जीता दूसरा बड़ा खिताब
भारत ने 1983 विश्व कप का खिताब जीतने के दो साल बाद 1985 एक और विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में फतह हासिल की थी। इस विश्व चैंपियनशिप में भारत को जीत रवि शास्त्री के हरफनमौला प्रदर्शन के बदौलत मिली थी और वह प्लेयर ऑफ द सीरीज बने थे। इसके एवज में उन्हें ऑडी 100 कार मिली थी। जब वह इस कार के साथ भारत लौटकर आए तो हर रविवार की सुबह इसे ड्राइव करने निकलते थे। शास्त्री ने बताया कि वह हर उनके लिए बेशकीमती है और वो रविवार की सुबह इसे ड्राइव के लिए कैसे इस्तेमाल करते थे।
जावेद मियांदाद भी थे होड़ में
रवि शास्त्री ने बताया कि प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट की होड़ में पाकिस्तान के दिग्गज बल्लेबाज जावेद मियांदाद भी थे। शास्त्री ने कहा कि मियांदाद के पास ऑडी जीतने का कोई मौका नहीं था, लेकिन वह उन्हें विचलित करने के लिए पिन करते रहते थे। शास्त्री ने कहा कि जब हम दोनों एक-दूसरे के खिलाफ खेल रहे थे, तब हम दोनों में लगातार बातें हो रही थी। रवि शास्त्री ने कहा कि जावेद मियांदाद अच्छे खिलाड़ी थे, लेकिन वह आपको विचलित करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। वैसे फाइनल में मियांदाद का कोई चांस नहीं था और उनकी नजर कार पर थी। शास्त्री ने कहा कि मियांदाद भले ही उन्हें भटकाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उसके पास कोई मौका नहीं था।
पहले ही कह दिया था कि शेयर नहीं करेंगे
रवि शास्त्री ने कहा कि उन्होंने टीम के सभी खिलाड़ियों को पहले ही कह दिया था कि अगर वह मैन ऑफ द सीरीज बनते हैं तो इस गाड़ी को अपने पास रखेंगे और किसी के साथ इसे शेयर नहीं करेंगे। बता दें कि तब टीम इंडिया के खिलाड़ी मैन ऑफ द मैच और सीरीज में मिलने वाला इनाम आपस में बांट लिया करते थे। शास्त्री ने कहा कि उन्होंने टूर्नामेंट से पहले ही सबसे कह दिया था कि यह कार उनकी है। टीम मीटिंग में भी इस बात पर चर्चा हुई थी। कपिल ने कहा था कि अगर तुम कार जीतते हो तो उसमें से 25 फीसदी तुम रख लेना, लेकिन जिमी यानी मोहिंदर अमरनाथ ने कहा था कि जो इसे जीतेगा यह कार उसी के पास रहेगी।
गावस्कर थे इस विश्व चैम्पियनशिप के कप्तान
बता दें कि इस टूर्नामेंट के फाइनल में रवि शास्त्री और श्रीकांत ने अर्धशतकीय पारी खेली थी। इन दोनों की शानदारी पारी की मदद से भारत ने फाइनल में पाकिस्तान के हराकर खिताब पर कब्जा जमाया था। इस टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सुनील गावस्कर थे।