दिए गए नाम में से किसी को चुनना मजबूरी बीसीसीआई ने अभी तक जस्टिस एफएमआई कलिफुल्ला के नाम पर सहमती नहीं बन सकी है। इसमें बहुत आश्चर्य नहीं की बीसीसीआई द्वारा उनके बजाय किसी और को तरजीह दी जाये। जस्टिस कलिफुल्ला के आलावा 5 और सदस्यों के नाम का चयन किया गया है जिसमें जस्टिस जीएस सिंघवी, जस्टिस वीएस सिरपुरकर, जस्टिस सीके ठक्कर और जस्टिस आफ़ताब आलम का नाम शामिल है।
क्रिकेट प्रशासकों कि समिति ने 26 जुलाई को होने वाली मीटिंग से पहले दिए गए नामों में से किसी को नियुक्त करे| समिति द्वारा लिखे पत्र में लिखा गया है की, इनकी उप्लब्द्धता के बारे में बात नहीं हो पाई है जरूरत होने पर इन लोंगो की उप्ब्द्धता को जांचा जाए।
बीसीसीआई नहीं चाहती जस्टिस कलिफुल्ला को बीसीसीआई के अधिकांश सदस्य जस्टिस कलिफुल्ला को इस पद पर नही चाहते। सदस्यों को लगता है की जस्टिस कलिफुल्ला बीसीसीआई की कार्यप्रणाली को और कठिन बनायेंगे। बीसीसीआई के सभी सदस्यों को 26 जुलाई को होने वाली मीटिंग में उपस्थित रहने को कहा गया है।
ओलम्पिक में शामिल करने को लेकर हो विचार क्रिकेट प्रशासकों की सामियि भारत के ओलम्पिक में शामिल होने की सम्भावनाओं पर भी चर्चा करेगी। क्रिकेट प्रशासन की सर्वोच्च संस्था आईसीसी क्रिकेट को ओलम्पिक में शामिल कराने की सोच रही है।आईसीसी ने अपने सभी पूर्णकालिक सदस्यों से इस पर विचार करने को कहा है। क्रिकेट को ओलम्पिक में शामिल करने को लेकर कई तरह के विरोधाभास हैं जिसमें से एक कि खिलाडियों को वाडा के अंतर्गत लाना होगा जिसका कई भारतीय खिलाडी हमेशा से विरोध करते रहे हैं।
समिति की होने वाली बैठक में भारतीय टीम के सपोर्ट स्टाफ की नियुक्ति भी एक विचारणीय मुद्दा होगा।