इस टूर्नामेंट्स पर गिरेगी गाज
एक अंग्रेजी मीडिया के अनुसार, बीसीसीआई ने 2020-21 के लिए दिलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy), देवधर ट्रॉफी (Deodhar Trophy) और विजय हजारे ट्रॉफी (Vijay Hazare Trophy) न कराने का मन बना लिया है। हालांकि वह रणजी ट्रॉफी का आयोजन सही समय पर कराना चाहती है। यानी बोर्ड चाहती है कि जनवरी 2021 में वह रणजी ट्रॉफी शुरू कर दे। वह इस बार रणजी ट्रॉफी में बदलाव के बारे में भी सोच रही है। इसके लिए वह जल्द से जल्द रणजी ट्रॉफी के शुरुआती मैचों का पूरा खाका तैयार करना चाहता है। बोर्ड चाहता है कि इस बार जोन के मुताबिक टीमों को आपस में बांटा जाए, ताकि टीमों को यात्रा के लिए कम भाग-दौड़ पड़े। नॉकआउट में हर जोन से पहले और दूसरे स्थान की टीम को जगह मिल सकती है।
खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति के लिए रणजी जरूरी
बोर्ड अधिकारियों का मानना है कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के बाद भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सबसे ज्यादा पैसा रणजी ट्रॉफी से ही कमाते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक-ठाक रहे, इसके लिए जरूरी है कि इस टूर्नामेंट का आयोजन हो। बोर्ड सूत्र ने बताया कि आईपीएल के अलावा क्रिकेटर दूसरे किसी घरेलू टूर्नामेंट से ज्यादा नहीं कमाते हैं। रणजी ट्रॉफी में उन्हें पैसा मिलता है। आईपीएल में महज आठ टीमें खेलती हैं, वहीं रणजी ट्रॉफी में 38 टीमें। रणजी सीजन में खिलाड़ी 10 से 12 लाख रुपये कमाते हैं। इसके अलावा कुछ एसोसिएशन तो खिलाड़ियों के साथ स्पॉन्सर को भी पैसा बांटती हैं। उनके अनुसार, इसी से कई खिलाड़ियों की आजीविका चलती है। इसलिए रणजी ट्रॉफी का आयोजन जरूरी है।
टीम इंडिया का टेनिंग कैम्प भी नहीं हुआ शुरू
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के कारण अब तक टीम इंडिया (Team India) का ट्रेनिंग कैम्प भी नहीं शुरू हुआ। वहीं इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें टेस्ट मैच खेल रही है तो पाकिस्तान इंग्लैंड के दौरे पर पहुंच चुकी है और दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में भी उतर चुके हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश आदि टीमों के खिलाड़ियों ने अभ्यास शुरू कर दिया है।