राधा यादव को पहले दो मैच में मौका नहीं मिला था। उन्हें विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम में शामिल किया गया था। इस मैच में उन्होंने किफायती गेंदबाजी करते हुए एक विकेट अपने नाम किया था। इसके बाद श्रीलंका के खिलाफ दूसरे मैच में तो कमाल ही कर दिया। श्रीलंका पर जीत के बाद राधा ने कहा था कि वह जानती थीं कि अगर उन्हें मौका मिला तो वह अपनी टीम को जीत दिलाने में काफी मदद कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जब आप अपनी टीम के लिए अच्छा करते हैं तो राहत महूसस होती है। राधा ने कहा कि उन्होंने पिछले दो सप्ताह कड़ी मेहनत की है और वह इस बात से बेहद खुश हैं कि उनकी मेहनत रंग लाई।
जुलाई में 2019 में हिरवानी को बनाया गया था स्पिन सलाहकार
टीम इंडिया की कप्तान हरमनप्रीत कौर की मांग पर नरेंद्र हिरवानी को 2019 जुलाई में टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। वह पहली बार भारतीय महिला टीम के साथ नवंबर 2019 में विंडीज पर गए थे। इसके बाद से वह हर दौरे पर टीम इंडिया के साथ हैं। राधा यादव ने कहा कि इस दौरान हिरवानी ने उनकी गेंदबाजी पर काफी मेहनत की है। राधा ने कहा कि उनका दिमाग इधर-उधर घूमने लगता था। वह ज्यादा सोचने लगती हैं, खासकर अपने एक्शन और गेंदों को लेकर। हिरवानी ने इस बात को पढ़कर दिमाग को स्वतंत्र रखने में उनकी काफी मदद की है।
नरेंद्र हिरवानी को अपने समय का सबसे प्रतिभाशाली लेग स्पिनर माना जाता था। उन्होंने 1988 में विंडीज के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में ही ऐसा करिश्मा किया, जो विश्व क्रिकेट में इतिहास है। उन्होंने विंडीज की दोनों पारियों में आठ-आठ विकेट लिए थे। ऐसा आज तक कोई भी खिलाड़ी अपने डेब्यू मैच में नहीं कर पाया है। बाद में उनकी लय बिगड़ गई और वह अपने इस प्रदर्शन को ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रख पाए और जल्द ही टीम इंडिया से बाहर हो गए। हिरवानी ने भारत की तरफ से कुल 17 टेस्ट और 18 एकदिवसीय मैच खेले हैं। इनमें क्रमश: 66 और 23 विकेट लिए हैं।