इस बीच टीएनसीए ने भी बीसीसीआई के निर्वाचन अधिकारी एन. गोपालस्वामी को मेल लिखकर यह साफ कर दिया है कि सीओए यह निर्धारित नहीं कर सकता कि राज्य संघों के संविधान को उनके आज्ञा का पालन करना है या नहीं।
मेल में टीएनसीए के सचिव आर. एस. रामास्वामी ने निर्वाचन अधिकारी को सुप्रीम कोर्ट के नौ अगस्त एवं 20 सितंबर 2018 के आदेश का हवाला दिया है जो यह दर्शाता है कि सीओए संघों के भविष्य निर्धारित नहीं कर सकता।
टीएनसीए ने कहा, “सीओए के पास यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि क्या एक राज्य संघ, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नौ अगस्त को सुनाए फैसले में शामिल निर्देशों का पालन कर रही है या नहीं। सीओए का काम केवल राज्य संघ द्वारा किए गए अनुपालन के संदर्भ में एक स्थिति रिपोर्ट भेजा है, जो उसने पहले ही कर दिया है।”
टीएनसीए ने कहा,”सीओए के पास कोई अधिकार नहीं है कि वो नौ अगस्त को सुनाए फैसले में शामिल निर्देशों का पालन न करने के कारण राज्य संघ को बीसीसीआई चुनाव में शामिल न होने दे। इस मामले पर फैसला सुप्रीम कोर्ट लेगी।
टीएनसीए के मुताबिक, “फैसले में यह बताया गया है कि अगर संघ निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो उसके क्या परिणाम होंगे, लेकिन सीओए इस मामले में कुछ नहीं कर सकता। टीएनसीए को सुप्रीम कोर्ट ने 20 सितंबर के दिए आदेश से चुनाव कराने की अनुमति दी और संघ द्वारा आयोजित चुनावों की वैधता के संबंध में कोई भी फैसला केवल सुप्रीम कोर्ट ही ले सकता है।”
निर्वाचन अधिकारी द्वारा टीएनसीए को 26 सितंबर को भेजे गए नोट पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिव ने कहा, “आपके नोटिस के पैराग्राफ 5 में आपने पूर्ण सदस्यों को सीओए द्वारा जारी निदेर्शो एवं अधिसूचनाओं के अनुसार बीसीसीआई चुनाव में भाग लेने के लिए प्रतिनिधियों को नामित करते समय आवश्यक सतर्कता बरतने की सलाह दी है।”
सचिव ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को संविधान प्राप्त करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, कोर्ट ने बीसीसीआई के प्रत्येक सदस्यों को बीसीसीआई के संविधान के अनुसार अपने संबंधित संविधान का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया।”
सचिन ने कहा, “नौ अगस्त के फैसले या बीसीसीआई के संविधान में शामिल किए गए निर्देशों एवं अधिसूचनाओं के अलावा, सीओए का कोई भी अन्य निर्देश एवं अधिसूचना बीसीसीआई या राज्य संघों को बाध्य नहीं करता। सीओए के जिन निर्देशों एवं अधिसूचनाओं को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता नहीं दी है वे कानूनी नहीं हैं।”
टीएनसीए ने निर्वाचन अधिकारी से विनती भी की है कि संघ को बीसीसीआई चुनाव में भाग लेने से रोका न जाए।
सचिन ने कहा, “हमारा अनुरोध है कि सीओए का अनुपालन नहीं करने के कारण टीएनसीए को बीसीसीआई चुनावों में भाग लेने से न रोका जाए। ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट के नौ अगस्त और 20 सितंबर के आदेश की अवमानना होगी।”