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साल 2018 : मैच फिक्सिंग व बॉल टेम्‍परिंग ने क्रिकेट जगत को हिला दिया

locationनई दिल्लीPublished: Dec 25, 2018 09:04:19 pm

भारतीय टीम के कप्‍तान के उस बयान से खलबली मच गई, जिसमें उन्‍होंने एक प्रशंसक को देश छोड़ देने की सलाह दे दी।

Sports Recap 2018

साल 2018 : मैच फिक्सिंग व बॉल टेम्‍परिंग ने क्रिकेट जगत को हिला दिया

नई दिल्‍ली : साल 2018 क्रिकेट में उपलब्धियां लेकर आई तो वहीं, विवादों का साया भी सालभर तक क्रिकेट जगत पर मंडराता रहा। इसमें स्मिथ और वार्नर से जुड़े बॉल टेम्‍परिंग विवाद, विराट कोहली का देश छोड़ो बयान, जयसूर्या पर मैच फिक्सिंग का आरोप तथा मिताली राज और महिला क्रिकेट टीम के तत्‍कालीन कोच का विवाद सबसे ज्‍यादा चर्चित रहा। आइए नजर डालते हैं क्रिकेट जगत में हुए कुछ ऐसे विवादों पर नजर, जिसने क्रिकेट जगत को हिलाकर रख दिया।

विराट और शास्‍त्री के बयानों ने मचाई खलबली
भारतीय टीम के कप्‍तान के उस बयान से खलबली मच गई, जब उन्‍होंने एक ऐप लॉन्च के मौके पर एक प्रशंसक ने उनसे सामान्‍य तौर कह दिया कि वह उन्‍हें नहीं, बल्कि विदेशी प्‍लेयर्स को पसंद करता है। बस इतनी-सी बात के लिए उन्‍होंने यह कह दिया कि जो भारतीय प्रशंसक भारतीय खिलाड़ियों को नहीं पसंद करते, उन्‍हें देश में रहने का कोई हक नहीं। उन्‍हें देश छोड़ देना चाहिए। उनके इस बयान की देश-विदेश हर जगह आलोचना हुई। इसके अलावा वह आस्‍ट्रेलिया में चल रहे वर्तमान सीरीज में भी टिम पेन से भिड़ गए।
इसके अलावा रविंद्र जडेजा सीरीज से पहले से ही अनफिट थे, यह बयान देकर रवि शास्‍त्री ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। मुख्‍य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि वह चयन के लिए पूरी तरह से फिट थे। इससे रवि शास्‍त्री पर दूसरे टेस्‍ट में जडेजा को न खिलाए जाने के रणनीतिक भूल पर पर्दा डालने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मिताली राज व रमेश पोवार के बीच का विवाद भी रहा सुर्खियों में
पिछले साल की तरह इस बार भी कोच और कप्‍तान के एक विवाद को सुर्खियां मिली। पिछली बार कप्तान कोहली और कोच अनिल कुंबले विवाद के बीच रहे तो इस बार महिला क्रिकेट में वही कहानी दोहराई गई। वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 विश्‍व कप के सेमीफाइनल में वनडे टीम की कप्‍तान व सीनियर महिला क्रिकेटर मिताली राज को बेहतरीन फॉर्म के बावजूद कोच रमेश पोवार ने टीम में शामिल नहीं किया। इसकी कीमत उन्‍हें कोच पद से हाथ धोकर चुकानी पड़ी। यू तो विवाद के छींटे टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर पर भी पड़े, लेकिन वह बच गईं। मिताली की बीसीसीआइ को लिखी चिट्ठी मीडिया में लीक होने से पता चला कि वे दोनों एक-दूसरे को नापसंद करते थे। इस बार भी कीमत कुंबले की तरह कोच रमेश पोवार को ही चुकानी पड़ी। उनकी जगह डब्‍लूवी रमन को महिला टीम का कोच बनाया गया।

सीओए के सदस्‍य भी आपम में भिड़ गए
बीसीसीआइ की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई प्रशासकों की समिति यानी सीओए के चीफ विनोद राय और इसकी सदस्य और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुल्‍जी भी महिला कोच मसले पर आमने-सामने आ गए। डायना रमेश पोवार को कोच बनाए रखना चाहती थीं तो विनोद राय ने उनकी राय को तरजीह नहीं दी।

राहुल जौहरी पर लगा यौन शोषण का आरोप
बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी पर इस साल यौन शोषण का आरोप लगा। इस मुद्दे पर भी दोनों आमने-सामने थे। डायना राहुल जौहरी से इस्तीफा लेना चाहती थीं, लेकिन विनोद राय ने अपने चहेते जौहरी के मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी। 2-1 से आए कमेटी के फैसले से जौहरी की नौकरी तो बच गई, लेकिन अंदरखाने की खींचतान जरूर बाहर आ गई।

बॉल टेंपरिंग की जद में स्मिथ-वॉर्नर
साल 2018 में क्रिकेट जगत का सबसे बड़ा विवाद कह सकते हैं इसे। बॉल टेंपरिंग की घटना में क्रिकेट जगत के दो सर्वकालिक महान खिलाड़ी फंसे। 24 मार्च, 2018 के दिन दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन लंच के बाद टीम कैमरे पर कंगारू फील्डर कैमरन बेनक्रॉफ्ट बॉल पर सेंड पेपर रगड़ते पकड़े गए। मैच के बाद कप्तान स्टीव स्मिथ ने कबूल लिया कि उपकप्तान डेविड वॉर्नर की सलाह पर उन्होंने ही बेनक्रॉफ्ट को इसकी इजाजत दी थी। इसके बाद खुद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने स्मिथ को कप्तानी से तुरंत हटाने की बात कही। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्मिथ और वॉर्नर पर 12-12 महीने और बेनक्रॉफ्ट पर नौ महीने का बैन लगा दिया। इसके बाद तत्‍कालीन कोच डैरेन लीमन से भी इस्तीफा ले लिया गया तथा क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ जेम्स सदरलैंड और चेयरमैन को भी पद छोड़ना पड़ा।

फिक्सिंग का भूत फिर आया सामने
एक टीवी चैनल ने अपनी डॉक्युमेंट्री में दिखाया कि श्रीलंका में क्रिकेट में भ्रष्‍ट आचरण साफ नजर आ रहा है। इस आरोप के मद्देनजर आईसीसी ने जांच टीम बनाकर उसे श्रीलंका भेजा। वहां श्रीलंका टीम के मुख्‍य चयनकर्ता जयसूर्या पर जांच में सहयोग न करने और उसे प्रभावित करने का आरोप लगा। इसके बाद आइसीसी ने जयसूर्या को निलंबित कर उनसे जवाब मांगा।

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