scriptOMG-कोयला खदान मजदूर का बेटा उमेश यादव बनना चाहता था पुलिस बन गया क्रिकेटर | cricketor umesh yadav life story | Patrika News

OMG-कोयला खदान मजदूर का बेटा उमेश यादव बनना चाहता था पुलिस बन गया क्रिकेटर

locationनई दिल्लीPublished: Aug 18, 2017 04:45:29 pm

Submitted by:

Kuldeep

कोयला खदान मजदूर का बेटा उमेश यादव , जिसका लक्ष्य एक पुलिसवाला बनना था, उसका भाग्य उसे क्रिकेट के मैदान पर ले आया

umesh yadav
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन की ताकत पर गरीबी को अंगूठा दिखा अंतरास्ट्रीय क्रिकेट टीम में अपना जगह बनाया है। उमेश यादव का एक मजदूर के घर पैदा होना कोयले से हीरा निकलने जैसा था । उमेश एक ऐसे क्रिकेटर हैं ,जिन्होंने हालात के आगे झुकने के बजाय हालात से लड़ना चुना है। उमेश का नाम ऐसे खिलाडियों में आता है,जो कोयले की खान से लेकर आसमान की उड़ान तक को जी चुके हैं।उमेश यादव के पिता कोल माइन में काम करते थे और बड़ी ही मुश्किल से अपने परिवार को दो वक्त का भोजन दे पाते थे । उमेश ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर भारतीय टीम में शामिल हुए। आज उमेश भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में एक हैं।
umesh yadav
कोयला खदान में काम करने वाले का बेटा बनना चाहता था पुलिस बन गया क्रिकेटर –

आपको बता दें कि एक कोयला खदान मजदूर का बेटा उमेश यादव , जिसका लक्ष्य एक पुलिसवाला बनना था, उसका भाग्य उसे क्रिकेट के मैदान पर ले आया । सेना और पुलिस बल में नौकरी के लिए आवेदन करने की असफल कोशिश करने के बाद, 19 वर्षीय यादव ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत की, जिस उम्र में अन्य खिलाड़ी सबसे तेज गेंदबाज़ बन घरेलू स्तर पर एक नाम बना रहे थे और राष्ट्रीय पदक की ओर नज़रे लगाए बैठा था ।यादव रणजी ट्रॉफी के प्लेट लीग में विधर्भ टीम में शामिल हो गए, और उनके कप्तान प्रीतम गंधे ने उन्हें सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया। 
umesh yadav
यादव ने मध्य प्रदेश के खिलाफ विदर्भ के लिए 2008 में अपनी प्रथम श्रेणी की शुरुआत की। उन्होंने लोगों को पहले सीज़न में 14.60 के औसत से 20 विकेट लेकर प्रभावित किया। 140 किमी प्रति घंटे के करीब नियमित रूप से गेंदबाजी करने और हवा में गेंद को झुकावने की क्षमता ने उन्हें प्रतिष्ठा दी।आज भारतीय टीम के गिने -चुने हुए खिलाडियों में उमेश यादव की गिनती होती है ।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो