इंग्लैंड मजबूत आक्रमण के साथ उतर सकती है
इस मैच में नजर दोनों टीमों की तेज गेंदबाजी आक्रमण पर रहेगी, क्योंकि पहले टेस्ट में विंडीज ने जीत अपने तेज गेंदबाज कप्तान जेसन होल्डर (Jason Holder) और शैनन गैब्रियल (Shanon Gabriel) की बदौलत पाई थी तो वहीं इंग्लैंड को जीत स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) और क्रिस वोक्स (Chris Voaks) की बदौलत मिली थी। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि इंग्लैंड निर्णायक टेस्ट में अपना सबसे मजबूत आक्रमण उतारे और अनुभवी जेम्स एंडरसन (James Anderson), स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ युवा तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर (Jofra Archer) की तिकड़ी एक साथ मैदान पर देखने को मिले। इन्हें सपोर्ट करने के लिए बेन स्टोक्स भी साथ में रहेंगे। इस सीरीज में अभी तक ये तीनों एक साथ नहीं खेले हैं।
इन दोनों टीमों के बीच अब तक जो सबसे बड़ा फर्क देखने को मिला है, वह हैं बेन स्टोक्स (Ben Stokes)। स्टोक्स ने पहले टेस्ट की दोनों पारियों में भी शानदार बल्लेबाजी की थी। वहीं दूसरे मैच में बेहतरीन हरफनमौला मैच विजेता प्रदर्शन से इंग्लैंड को सीरीज में वापस ला दिया था। वह ऐसे खिलाड़ी हैं, जो अकेले दम पर मैच का रूख बदल देते हैं। वह आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप (ICC ODI World Cup) के बाद ऐसा चमत्कार तो अक्सर करने लगे हैं। वहीं वेस्टइंडीज के पास जेसन होल्डर के रूप में अच्छा हरफनमौला तो है, लेकिन स्टोक्स की तरह वह चमत्कारी नहीं हैं। स्टोक्स बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में कमाल करने की क्षमता रखते हैं।
बल्लेबाजी में भी इंग्लैंड का पलड़ा भारी
बल्लेबाजी में भी इंग्लैंड का पलड़ा भारी लगता है। उनके पास टेस्ट के शानदार बल्लेबाज और कप्तान जो रूट (Joe Root) हैं। उनके अलावा डॉमिनिक सिबले न दूसरे टेस्ट में शतक जमाया था। जोस बटलर हालांकि लंबे समय से फॉर्म में नहीं हैं, लेकिन वह भी खतरनाक बल्लेबाज हैं, इसमें कोई संदेह नहीं। वहीं विंडीज की ओर से अब तक जर्मन ब्लैकवुड ने शानदार प्रदर्शन किया है। वहीं दूसरे मैच में शारमाह ब्रूक्स ने भी अच्छी बल्लेबाजी की थी, लेकिन विंडीज के बल्लेबाज एक साथ अच्छी पारी खेल पाने में नाकाम रहे हैं। अगर तीसरे टेस्ट में भी यही रवैया रहा तो यह भारी पड़ सकता है।