दक्षिण अफ्रीका में जन्मे कीस्वेटर ने 27 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। कीस्वेटर को आंख पर लगी एक गंभीर चोट के कारण क्रिकेट के मैदान से दूर होना पड़ा। 8 साल पहले काउंटी चैम्पियनशिप मैच के दौरान नॉर्थ हैम्पटनशायर के खिलाफ चोट लग गई। मैच के दौरान उन्हीं के साथी खिलाड़ी डेविड विली की बॉल उनके हेल्मेट के अंदर घुस गई और आंख से टकरा गई। इस गेंद ने कीस्वेटर का करियर समाप्त कर दिया।
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इस चोट के चलते कीस्वेटर की नाक टूट गई। इतना ही नहीं उनके गाल में भी चोट आई, जिसके बाद उन्हें देखने में समस्या होने लगी। ऐसे में मजबूर होकर उन्हें क्रिकेट छोड़ना पड़ा। 25 साल की उम्र में कीस्वेटर संन्यास लेकर गुमनामी के अंधेरों में गायब हो गए।
संन्यास के समय कीस्वेटर ने कहा, “आंख की चोट और बाकी चीजों का अनुभव करने के बाद मुझे लगता है कि मैं मानसिक तौर पर वैसा खिलाड़ी कभी दोबारा नहीं बन पाऊंगा जैसा पहले था।” कीस्वेटर ने इंग्लैंड की ओर से 46 वनडे और 25 टी-20 मैच खेला, लेकिन कभी देश की टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं बने। प्रथम श्रेणी क्रिकेट और लिस्ट ए क्रिकेट में कीस्वेटर की बल्लेबाजी औसत 40 से कुछ कम की रही। उन्होंने टी-20 में लगभग 32 की औसत से रन बनाए। इसके अलावा, उन्होंने 308 कैच लपके और 11 स्टम्पिंग की।
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कीस्वेटर ने 2010 के टी20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम को विजेता बनाने में अहम भूमिका भी निभाई थी। उस टी20 वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में क्रेग के बल्ले से 261 रन निकले थे। 2010 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 147 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड इस लक्ष्य को 17 ओवर में पा लिया था। इस मुकाबले को इंग्लैंड ने 7 विकेट से अपने नाम किया था। इस मैच में मैन ऑफ द मैच क्रेग कीसवेटर रहे थे। क्रेग ने इस मुकाबले में 49 गेंद में 2 सिक्स और 7 चौकों की मदद से 63 रन की पारी खेली थी।