फ्रेंचाइजी टीमें भारत में ही चाहती हैं आयोजन
आइपीएल फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि लीग का भारत में होना काफी अहम है। यह न सिर्फ फ्रेंचाइजियों के लिए, बल्कि देश के क्रिकेट प्रशंसकों के लिए भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के मुद्दे को चलिए एक मिनट के लिए छोड़ देते हैं। अब सोचिए कि जब देश के बाहर आईपीएल ले जाएंगे तो क्या संदेश देंगे हम? यही ना कि भारत में टूर्नामेंट कराने को लेकर स्थिति अच्छी नहीं है? इसका मतलब है कि हालात सामान्य नहीं हैं।
भारत में आईपीएल होना यानी भारतीयों को उम्मीद देना
फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा कि इस समय भारत में आईपीएल होने का मतलब है कि भारत के लोगों को उम्मीद देना। क्रिकेट यहां धर्म है। आप आईपीएल के सकारात्मक प्रभाव को नकार नहीं सकते, वह भी ऐसे समय में जब देश बुरे वक्त से गुजर रहा है। इसके आगे फ्रेंचाइजी अधिकारी ने कहा कि अब व्यवस्थात्मक मुद्दे पर आते हैं। यह उस लिहाज से भी बहुत बुरा होगा।
विदेश में आएगी यह समस्या
अधिकारी ने कहा कि भारत में क्या होगा कि अगर विदेशी खिलाड़ी भारत आएंगे तो सिर्फ उन्हें ही क्वारंटाइन करना होगा। लेकिन अगर हम बाहर जाएंगे तो यह सुनिश्चित करना होगा कि हर टीम, जो 25-30 लोगों का समूह है, वह क्वारंटाइन हो। वह भी ऐसे समय में। यह अच्छी स्थिति नहीं होगी। इसके आगे उन्होंने कहा कि जब हम गेट मनी नहीं कमा रहे हैं तो जाहिर है कि सिर्फ प्रसारण से हमारे पास पैसा आएगा।
अन्य फ्रेंचाइजियां भी नहीं हैं तैयार
अन्य फ्रेंचाइजी के एक और अधिकारी ने भी इस बात पर अपनी स्वीकृति जताई। उन्होंने कहा कि विदेशी बोर्डों से मेजबानी की अपीलें आ रही हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी ने इस बारे में एक बार भी नहीं सोचा है। उन्होंने कहा कि 2009 में जब टीमें टूर्नामेंट के लिए दक्षिण अफ्रीका गई थी, तब इसका वित्तीय असर एक साल तक रहा था। उन्होंने कहा कि आप खर्च वहन करने की स्थिति को मत भूलिए कि यह बीसीसीआई करेगा या फ्रेंचाइजी। 2014 में अमीरात में हुआ आईपीएल ज्यादा बेहतर था, क्योंकि आईपीएल का एक हिस्सा ही बाहर खेला गया था। लेकिन मौजूदा हालात में आप आधा आईपीएल को बाहर नहीं करा सकते। इसके साथ ही यह भी याद रखना होगा कि फ्रेंचाइजियों और बीसीसीआई ने आईपीएल बाहर ले जाने का प्रस्ताव नहीं रखा है।
पहले ही ब्रांड वैल्यू पर मार पड़ी है
अधिकारी ने कहा कि विदेशी बोर्डों ने अपने यहां आईपीएल कराने का निमंत्रण भेजा है। उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइजी होने के नाते हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि आईपीएल भारत में ही हो, क्योंकि इसकी पहचान भारत से है। एक और फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा कि इस बार मेल-मुलाकात वाले सत्र नहीं होंगे। मैदान के बाहर की गतिविधियां भी बंद रहेगी। आईपीएल में स्पांसर इंगेजमेंट बड़ा हिस्सा है, लेकिन यह इस बार यह कोरोना के कारण नहीं होगा और होगा भी तो बहुत नियंत्रित तरीके से। ऐसे में कंपनी जिसका व्यवसाय अमीरात या श्रीलंका में नहीं है, वह आईपीएल बाहर क्यों ले जाएगी। ब्रांड वैल्यू पर पहले ही मार पड़ी हुई है, क्योंकि इस बार मैच सिर्फ टेलीविजन पर ही देखे जा सकेंगे।