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गंभीर ने कहा, उम्मीद है बीसीसीआई अध्यक्ष के तौर पर गांगुली को मिलेगा पूर्व खिलाड़ियों का समर्थन

locationनई दिल्लीPublished: Oct 19, 2019 09:02:19 pm

Submitted by:

Mazkoor

गौतम गंभीर ने कहा कि बतौर कप्तान दादा इसलिए कामयाब हो सके, क्योंकि उन्हें अपने करियर के दौरान साथी खिलाड़ियों और बोर्ड से पूरा सहयोग मिला।

gautam gambhir

नई दिल्ली : दिल्ली जिला एंव राज्य क्रिकेट संघ के निदेशक पद से हाल ही में इस्तीफा देने वाले गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के भावी अध्यक्ष सौरभ गांगुली के सफल कार्यकाल को लेकर आशंकित लग रहे हैं। बता दें कि दादा को कई पूर्व क्रिकेटरों ने बधाई दी है। इनमें एक नाम भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का भी था। गंभीर ने अपने एक कॉलम में लिखा है कि पूर्व खिलाड़ियों का बोर्ड में आना अच्छा कदम है। लेकिन उन्होंने साथ में यह भी कहा कि कई पूर्व खिलाड़ियों ने जिन्होंने गांगुली को बधाई दी है, उन्हें और बोर्ड के अन्य पदाधिकारियों को भारतीय क्रिकेट को ऊंचाई पर पहुंचाने में मदद करनी चाहिए। बता दें कि डीडीसीए के निदेशक का पद छोड़ते हुए कहा था कि वह जो करना चाहते थे, वह नहीं कर सके। उन्होंने इशारे में यह कहा था कि उन्हें सहयोग नहीं मिला। उन्हें यही डर लग रहा है कि शायद गांगुली के साथ भी ऐसा न हो, इसलिए वह इशारों में उन्होंने खिलाड़ियों और बोर्ड के अन्य अधिकारियों के समर्थन की बात कही है।

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खिलाड़ी का बोर्ड अध्यक्ष बनना बड़ा कदम

गौतम गंभीर ने एक मीडिया को लिखे अपने कॉलम में कहा है कि भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआई का अगला अध्यक्ष बनाया गया है, जो भारतीय क्रिकेट की बेहतरी की ओर उठाया गया बड़ा कदम है। उन्होंने लिखा कि आमतौर पर बीसीसीआई का कामकाज खिलाड़ियों के हितों के खिलाफ और अपारदर्शी होता है, लेकिन पूर्व क्रिकेटर को बोर्ड में शामिल करना शानदार कदम है।

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बताया बतौर खिलाड़ी दादा इसलिए रहे कामयाब

गंभीर ने लिखा कि उन्हें उम्मीद है कि दादा को उन पूर्व खिलाड़ियों से समर्थन मिलेगा, जिन्होंने उन्हें बधाइयां दी है। उन्होंने आगे लिखा कि एक क्रिकेटर के तौर पर प्रिंस ऑफ कोलकाता इसलिए कामयाब हो सके, क्योंकि उन्हें ड्रेसिंग रूम से साथ मिल रहा था और साथ ही साथ बीसीसीआई बोर्ड रूम से भी। तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के समर्थन के बिना दादा के लिए चीजें चुनौतीपूर्ण हो जातीं। अपनी कप्तानी के दौरान उन्होंने कोच जॉन राइट के साथ मिलकर सहवाग, नेहरा, युवराज, हरभजन और जहीर जैसे खिलाड़ियों को निखारा। उन्होंने आगे लिखा कि दादा भाग्यशाली थे कि उन्हें द्रविड़, कुंबले, तेंदुलकर, लक्ष्मण का साथ मिला। अब अपनी नई पारी के लिए उन्हें इसी तरह का समर्थन बीसीसीआई के बड़े लोगों से चाहिए होगा, जिन्हें पता है कि चुनौतियां कहां हैं।

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